LagatarDesk : साल 2025 के शुरुआती महीने शेयर बाजार के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. शुरुआत के दो महीने में बाजार की चाल इस बात का संकेत देते हैं कि आने वाला पूरा कैसा रहने वाला है. लेकिन इस बार शेयर बाजार की स्थिति निवेशकों के लिए चिंताजनक साबित होती दिख रही है. क्योंकि पिछले कुछ सालों में यह पहली बार है, जब शुरुआत के एक-दो महीनों में निवेशकों को तगड़ा नुकसान हुआ हो.
बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, 31 दिसंबर 2024 को बीएसई का मार्केट कैप 4,41,95,106.44 करोड़ रुपये था, जो 20 फरवरी 2025 तक घटकर 4,00,65,487.87 करोड़ रुपये हो गया. इस प्रकार, निवेशकों को पिछले 50 कारोबारी दिनों में 41,29,618.57 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यानी इन 50 दिनों में निवेशकों को करीब 41 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है.
31 दिसंबर से अब तक सेंसेक्स 2467 अंक टूटा
बता दें कि साल 2025 में अब तक बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में भी काफी गिरावट देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार, 31 दिसंबर 2024 को सेंसेक्स 78,139.01 अंक पर बंद हुआ था, जो 20 जनवरी 2025 को गिरकर 75,546.17 अंक पर पहुंच गया. इस तरह एक महीने में सेंसेक्स में 2,592.84 अंकों की गिरावट आयी है. वहीं 31 दिसंबर से अब तक सेंसेक्स 2467 अंक टूटा है.
बुधवार की तुलना में आज सेंसेक्स 200 अंक टूटा
आज गुरुवार की बात करें तो सेंसेक्स सुबह 11 बजे 197.52 अंकों की गिरावट के साथ 75,740.66 अंकों पर कारोबार कर रहा है. वैसे गुरुवार को सेंसेक्स 75,672.84 अंकों पर ओपन हुआ था. जो सुबह 9 बजकर 45 मिनट 363.32 अंकों की गिरावट के साथ 75,568.35 के लेवल पर पहुंच गया था.
एक दिन पहले सेंसेक्स 75,939.18 अंकों पर बंद हुआ था. इस तरह बुधवार की तुलना में आज सेंसेक्स में 200 अंकों की गिरावट आयी है. इस तरह मौजूदा साल में अब तक सेंसेक्स में लगभग 3.32% और निफ्टी में 3.51% की गिरावट आयी है.
बीएसई 500 का एमकैप 33.87 लाख करोड़ घटा
इस साल 36 कारोबारी दिनों में से 21 दिन गिरावट का सामना करना पड़ा है, जिससे बीएसई 500 में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 387.18 लाख करोड़ रुपये से घटकर 353.31 लाख करोड़ रुपये हो गया. यानी इन कंपनियों का एमकैप .87 लाख करोड़ कम हो गया. इनमें से 447 कंपनियों के मार्केट कैप में गिरावट आयी है.
अगर बात करें उन कंपनियों की, जिनके मार्केट कैप में गिरावट देखने को मिली है, जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में 84,059 करोड़ रुपये, ट्रेंट में 71,076 करोड़ रुपये, एसबीआई में 65,194 करोड़ रुपये, जोमैटो में 59,832 करोड़ रुपये और टीसीएस में 59,499 करोड़ रुपये घट गया है.