Saurav singh
Ranchi : नक्सलियों और उग्रवादियों की तरह झारखंड में सक्रिय बड़े संगठित आपराधिक गिरोहो के अपराधियों पर एक करोड़ का इनाम घोषित होगा. झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा प्रस्ताव भेजे जाने के बाद गृह विभाग ने सारे पहलुओं पर विचार कर एक प्रस्ताव तैयार किया है. इस प्रस्ताव को सरकार की सहमति के लिए विधि और वित्त विभाग के पास भेजा गया है. मिली जानकारी के मुताबिक विधि ने इस पर अपनी सहमति दे दी है. अब वित्त विभाग के स्तर पर इस पर मंथन चल रहा है. वित्त विभाग से प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही, संगठित आपराधिक गिरोह के अपराधियों पर इनाम घोषित हो जाएगा.
अपराधियों पर 10 लाख लेकर 30 लाख रुपए तक का इनाम तय किया गया है
अपराधियों पर 10 लाख से लेकर 30 लाख रुपए तक का इनाम तय किया गया है. राज्य में दर्जन भर से ज्यादा संगठित अपराधी गिरोह सक्रिय हैं. इन गिरोहों से झारखंड ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य ओडिशा, बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश के अपराधी भी जुड़े हैं, जो यहां आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के बाद अपने गृह राज्य भाग जाते हैं और पुलिस हाथ मलती रह जाती है. आम लोगों की मदद से ऐसे अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस मुख्यालय ने सात शातिर अपराधियों पर इनाम की घोषणा करने की रणनीति तैयार की है.
इन अपराधियों पर घोषित होगा इनाम
धनबाद में सक्रिय प्रिंस खान पर 30 लाख रुपये के इनाम का प्रस्ताव रखा गया है. प्रिंस खान पर धनबाद जिले के अलग-अलग शहरों में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं. बबलू उर्फ भरत नारायण पर पुलिस ने 10 लाख रुपये का इनाम रखा है. इसका संबंध पांडेय गिरोह से है. इसके खिलाफ 8 से 10 मामले दर्ज हैं. इसी प्रकार पांडेय गिरोह के ही एक और अपराधी विकास साव पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा गया है. इसका संबंध भी पांडेय गिरोह से है.डब्ल्यू सिंह पर पुलिस ने 20 लाख का इनाम रखा है. इसके खिलाफ 40 मामले दर्ज हैं. अगली कड़ी में पुलिस ने प्रिंस खान गिरोह के गोपी खान पर 20 लाख का इनाम रखा है. इसके खिलाफ लगभग दो दर्जन मामले दर्ज हैं.
जानें, किस जिले में कौन आपराधिक गिरोह सक्रिय
अमन साहू गिरोह : रांची, लातेहार, रामगढ़, चतरा और हजारीबाग.
प्रिंस खान गिरोह : धनबाद, बोकारो.
विकास तिवारी गिरोह : हजारीबाग रामगढ़.
अमन श्रीवास्तव गिरोह : रामगढ़, हजारीबाग.
अखिलेश सिंह गिरोह : जमशेदपुर.
दूसरे राज्यों के अपराधी भी निभा रहे अहम भूमिका
झारखंड में सक्रिय संगठित आपराधिक गिरोह में बिहार, छत्तीसगढ़ और बंगाल के 28 से अधिक अपराधी भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. ये सभी अपराधी अखिलेश सिंह, अमन साहू, प्रिंस खान, अमन श्रीवास्तव और विकास तिवारी गिरोह से जुड़े हैं. अमन साहू और अखिलेश सिंह गिरोह में सबसे अधिक दूसरे राज्य के अपराधी जुड़े हैं.
अंतरराज्यीय के इतने अपराधी हैं वांछित (वांटेड) :
– बिहार के 153 अपराधी वांछित हैं.
– पश्चिम बंगाल के 74 अपराधी वांछित हैं.
– ओडिशा के 10 अपराधी वांछित हैं.
– छत्तीसगढ़ के 10 अपराधी वांछित हैं.
मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक लगने से जेल में रुकेंगे अपराध
झारखंड के जेल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक के बाद ही संगठित अपराधों पर लगाम लग पायेगी. पूरे झारखंड में 31 जेल हैं. जिनमें सात सेंट्रल, 17 जिला और छह अनुमंडल कारा है. एक ओपेन जेल हजारीबाग में है. इन जेल में कई छोटे बड़े अपराधी बंद हैं. जो जेल में रहकर कारोबारियों से रंगदारी मांगने का काम कर रहे हैं. जेल में बंद अपराधी रंगदारी नहीं देने पर हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम भी दिला रहे हैं.
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