Ranchi: झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (JIADA) में फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर टेंडर हासिल करने का मामला सामने आया है. सरकार ने पूरे मामले की प्रारंभिक जांच कराई. जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद सरकार ने जियाडा के प्रबंध निदेशक को कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
जानकारी के मुताबिक जियाडा ने सरायकेला-खरसावां के आदित्यपुर इंडस्ट्रीयल एरिया में सड़क, नाली, ड्रेन, स्ट्रीट लाईट आदि का काम करने के लिए टेंडर निकाला था. काम की कुल लागत 44 करोड़ रुपये था. यह काम मदन लाल बजाज कंस्ट्रक्शन प्राईवेट लिमिटेड (Madan Lal Bajaj Construction Pvt) को आवंटित किया गया था.
फर्जी दस्तावेज के आधार पर टेंडर लेने को लेकर 24 जनवरी को सरकार के पास एक शिकायत पहुंची. शिकायत की प्रारंभिक जांच कराने पर इस बात की पुष्टि हुई है कि जिस कंपनी को काम दिया गया है, उसने फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर काम हासिल किया. आरोप यह भी है कि इस गड़बड़ी में जियाडा के टेंडर कमेटी के पदाधिकारियों की भी संलिप्तता है.
सरकार ने इस गड़बड़ी को आपराधिक माना है. इसके साथ ही विभाग के विशेष सचिव मनोहर प्रसाद ने जियाडा के प्रबंध निदेशक को पत्र लिख कर कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है. प्राथमिकी 24 घंटे के भीतर दर्ज कराने को कहा गया है. साथ ही संबंधित टेंडर को तत्काल रद्द करते हुए इसकी जानकारी 20 फरवरी तक विभाग को देने का निर्देश दिया गया है.
सरकार ने इस मामले को गंभीर और आपराधिक मानते हुए निर्देश दिया है कि संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जाये और टेंडर कमेटी के अध्यक्ष और कार्यपालक अभियंता समेत अन्य सदस्यों से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण लेकर सरकार को भेजें.
इसके अलावा यह निर्देश भी दिया गया है जियाडा के टेंडर कमेटी ने अब तक जितने भी टेंडर किए हैं, उसके दस्तावेज एक सप्ताह के भीतर विभाग को उपलब्ध कराया जाये.