Gawan (Giridih) : गिरिडीह जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) व कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन की ओर से मंगलवार को गावां प्रखंड कार्यालय सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें बाल यौन शोषण व इंटरनेट के जरिए बाल यौन उत्पीड़न सामग्री सर्कुलेशन पर रोकथाम को लेकर चर्चा की गई. इससे पूर्व मुख्य अतिथि गावां बीडीओ महेंद्र रविदास व सीओ अविनाश रंजन ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया. बीडीओ ने कहा कि 23 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लिया है. इसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बाल यौन शोषण और उत्पीड़न सामग्री अपने पास रखने, इसे देखने व प्रसारित करने को अपराध की श्रेणी में रखा है. ऐसा करने वाले लोगों को जेल भी जाना पड़ सकता है.
बीडीओ ने कहा कि इंटरनेट, डिजिटल युग में सावधानी बरतने की जरूरत है, जिससे हम न सिर्फ इन अपराधों से बच सकते हैं, बल्कि डिजिटल माध्यम से होने वाले यौन अपराधों की रिपोर्ट स्थानीय पुलिस, साइबर क्राइम पोर्टल पर देकर दोषियों को सजा भी दिला सकते हैं. सीओ अविनाश रंजन ने भी विचार व्यक्त किए. परियोजना पदाधिकारी अमित कुमार ने पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए बाल यौन शोषण, उत्पीड़न सामग्री से जुड़ीं धाराओं, सजा के प्रावधान आदि के बारे में जानकारी दी. मौके पर एमओ प्रदीप राम, पीएलवी अभिषेक कुमार, कैलाश कुमार, राजीव रंजन, नकुल कुमार, विकास कुमार, श्रीराम कुमार, भीम चौधरी, सबदर अली, गुरुसहाय रविदास समेत कई लोग उपस्थित थे.
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