Ranchi: केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि केंद्रीय बजट एक विकसित भारत की दिशा में तेज रफ्तार से चल रहे सफर का हाइवे है, जिस पर बढ़ते और बदलते भारत की गाड़ी आगे बढ़ रही है. उन्होंने यह भी कहा कि “विकसित भारत 2047” का रोडमैप सुधारों को ईंधन और समावेशिता को मार्गदर्शक मानते हुए विकसित भारत की गति निर्धारित करने का लक्ष्य है. वे रविवार को भाजपा प्रदेश आर्थिक प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित केंद्रीय बजट 2025-26 पर परिचर्चा में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
उन्होंने आगे कहा कि यह बजट इस तथ्य को स्वीकार करता है कि देश की शक्ति उसकी भूमि में नहीं बल्कि उसके लोगों में है. इसलिये, सभी वर्गों के समावेशी विकास के माध्यम से ‘सबका साथ, सबका विकास’ की दिशा में काम किया जा रहा है.
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केंद्रीय बजट चार प्रमुख इंजनों द्वारा संचालित
केंद्रीय बजट को चार प्रमुख इंजनों द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसमें ग्रामीण समृद्धि के लिए कृषि, उद्यमिता और रोजगार सृजन के लिए एमएसएमई, बुनियादी ढांचे और नवाचार के लिए निवेश, और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ आर्थिक वृद्धि के लिए निर्यात शामिल हैं. इस बजट का लक्ष्य छह आयामी दृष्टिकोण पर आधारित है, जिनमें विकास को गति देना, समावेशी विकास को सुनिश्चित करना, भारत के मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को बढ़ाना, निजी क्षेत्र के निवेश को प्रेरित करना, और घरेलू भावना को मजबूत करना शामिल है.
कांग्रेस ने अपने छह दशकों के शासन में केवल गरीबी हटाने का नारा दिया, जबकि मोदी सरकार में पिछले एक दशक में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए. इसके परिणामस्वरूप, देश में तेजी से मध्यम वर्ग बढ़ा है. मोदी सरकार इस वर्ग को सशक्त बनाने पर जोर दे रही है, ताकि उनकी क्षमता को बढ़ाया जा सके.
मोदी सरकार की ‘विवाद से विश्वास’ नीति
मोदी सरकार ने ‘विवाद से विश्वास’ की नीति अपनाई है. आज आयकर विभाग पहले करदाता पर विश्वास करता है, फिर उसकी जांच करता है. मोदी सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा 50,000 से बढ़ाकर 1 लाख कर दी, टीडीएस की वार्षिक सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 12 लाख कर दी, और जीरो टैक्स की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख कर दी. मोदी सरकार ने निम्न और मध्यम वर्ग के लिए किफायती आवास प्रदान करने के लिए स्वामी फंड 2 लॉन्च किया है.
विरासत में मिली थी चरमराई अर्थव्यवस्था
मोदी सरकार को एक चरमराई हुई अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी, जिसमें एनपीए और संकटग्रस्त कॉर्पोरेट क्षेत्र प्रमुख समस्याएं थीं. इसके बावजूद, मोदी सरकार ने सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने, पूंजीगत व्यय को बढ़ाने, और लक्षित सार्वजनिक सेवा वितरण की नीति अपनाकर राजकोषीय समेकन को सफलतापूर्वक लागू किया. वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ती महंगाई के बावजूद, भारत एक अपवाद बनकर उभरा है. कोविड काल की वैश्विक आपदा को भी मोदी सरकार ने अवसर में बदल दिया.
झारखंड में मोदी सरकार की योजनाएं
झारखंड के विकास के लिए मोदी सरकार संकल्पित है. कांग्रेस की सरकारों के मुकाबले मोदी सरकार ने पिछले एक दशक में 300% अधिक राशि उपलब्ध कराई है. 2004-14 के बीच झारखंड को 56,090 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि 2014-24 के बीच यह राशि बढ़कर 2,26,444 करोड़ रुपये हो गई है.
झारखंड में केंद्रीय योजनाओं से पिछले 10 वर्षों में 15.64 लाख प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास और 1.54 लाख शहरी आवास बनाए गए हैं. 41.9 लाख घरों में शौचालय बनाए गए, और जल जीवन मिशन के तहत 52.6% घरों तक नल से जल पहुंचाया गया. आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य के 1.24 करोड़ लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है. 39 लाख परिवारों को उज्ज्वला योजना से मुफ्त गैस सिलिंडर की सुविधा मिली है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का बयान
भा.ज.पा. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बढ़ता भारत, बदलता भारत मोदी सरकार की देन है. यह प्रक्रिया 2047 में विकसित भारत के स्वप्न को साकार करेगी. मोदी सरकार देशभर में बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है. झारखंड में भी सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव आ रहा है. कांग्रेस शासन की तुलना करते हुए, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ नारों और झूठे वादों से देश की जनता को गुमराह किया, जबकि मोदी सरकार में भारत का सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास साथ-साथ हो रहा है और बिना भेदभाव के योजनाएं धरातल पर उतर रही हैं.
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