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Ranchi: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) चर्चा में है. चर्चा की वजह बोर्ड परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होना है. प्रश्न पत्र लीक को लेकर सड़क से लेकर विधानसभा तक उबाल है. इस बीच जैक के चेयरमैन डॉ नटवा हांसदा को लेकर ताजा जानकारी सामने आयी है.
जानकारी यह है कि करीब नौ साल पहले वर्ष 2016 में सरकार उन्हें दंडित कर चुकी है. वह राज्य प्रावैधिक शिक्षा पर्षद में परीक्षा नियंत्रक (एक्जामिनेशन कंट्रोलर) के पद पर पदस्थापित थे. इस पद पर रहते हुए सरकार ने उन्हें कर्तव्यहीनता, वित्तीय अनियमितता, अनुशासनहीनता और लापरवाही का दोषी पाया था.
डॉ नटवा हांसदा के खिलाफ विभाग ने 6 जून 2012 को आरोप पत्र गठित किया था. साथ ही विभागीय कार्यवाही शुरु की थी. विभागीय कार्यवाही व जांच पदाधिकारी राज्य प्रावैधिक शिक्षा पर्षद के तत्कालीन सचिव आइएएस शीला किस्कु रपाज को बनाया गया था.
जांच व विभागीय कार्यवाही के दौरान डॉ नटवा हांसदा को निलंबित कर दिया गया था. शीला किस्कु रपाज ने जांच में परीक्षा नियंत्रक नटवा हांसदा पर लगे आरोपों को सही पाते हुए अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी थी.
वर्ष 2016 में सरकार ने जांच रिपोर्ट के आधार पर दो फैसला लिया था. पहले फैसले में डॉ नटवा को दंडित करते हुए उनके दो वेतन वृद्धि पर रोक लगाया गया था. साथ ही यह आदेश दिया था कि निलंबन की अविध में उन्हें जीवन यापन भत्ता के अलावा किसी अन्य तरह की राशि नहीं दिया जायेगा.
सरकार ने डॉ नटवा हांसदा को राज्य प्रावैधिक पर्षद से हटाने का भी फैसला लिया था. सरकार ने उन्हें धनबाद स्थित राजकीय पोलिटेकनिक में व्याख्याता के पद पर नियुक्त किया था.
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