Ranchi : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन सदन में विधायक सरयू राय ने एक लाख 36 हजार रुपये की बकाया राशि का मुद्दा उठाया. सरयू राय ने कहा कि यह मामला जब हाईकोर्ट और केंद्रीय ट्रिब्यूनल में है तो राज्य सरकार फैसला कराने में क्यों जोर नहीं लगा रही है.
इस पर प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रताप ने कहा कि इसके लिए एक मार्च 2025 को कमेटी बनायी गयी है. यह कमेटी शपथ पत्र दायर करेगी।. इस मामले में मुख्यमंत्री ने 24 जून को 2020, दो मार्च 2022 और 11 अप्रैल 2022 को केंद्र को पत्र भी लिखा है.
वहीं तत्कालीन मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने भी चार दिसंबर 2022 को एक लाख 36 हजार करोड़ बकाये का जिक्र करते हुए केंद्र को पत्र लिखा था. सूद की स्थिति का आकलन भी किया जा रहा है. इस पर सरयू राय ने कहा कि कमेटी बनाना राजनीतिक निर्णय है वैधानिक नहीं.
जब सरयू ने सवाल किया तब कमेटी बनाई : सीपी सिंह
सरयू राय के सवाल पर सीपी सिंह भी उनके समर्थन में खड़े हो गये. कहा कि जब सरयू राय ने सवाल किया तो दो जिन पहले कमेटी बनायी. तब से राजनीति ही खेल रहे हैं. इस पर प्रदीप यादव ने कहा कि सीपी सिंह ने जीवन में पहली बार अच्छी सलाह दी है.
योगेंद्र प्रताप ने कहा कि इस सभी कानूनी विकल्पों पर सरकार काम करेगी. सरयू राय ने कहा कि 2009 तक 41 हजार 142 करोड़ रुपए मूलधन था और सूद 60 हजार करोड़ रुपए था.
ऐसे बकाया का कोई राजनीतिक आधार नहीं होता : राधाकृष्ण
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि 10-15 दिन पहले कोयला मंत्री किशनरेड्डी से बकाये को लेकर मुलाकात की थी. उन्होंने भी कहा कि झारखंड को राशि देनी है, यह राज्य का आधिकार बनता है. ऐसे बकाया का कोई राजनीतिक आधार नहीं होता. सूद की राशि के साथ डंके की चोट पर बकाया राशि लेंगे.