संथाल समाज ने दिया धरना, 12 को निकालेंगे प्रतिरोध मार्च
Dhanbad : संथाल आदिवासियों के धार्मिक स्थल पारसनाथ पर्वत को लेकर आदिवासी समाज और जैन समुदाय के बीच विवाद एक बार फिर गहरा गया है. इस मुद्दे को लेकर संथाल समाज ने आंदोलन की घोषणा की है. गिरिडीह जिले में स्थित पारसनाथ पर्वत को संथाल समाज के लोग मारंगबुरू के नाम से पूजते हैं. इस आंदोलन के तहत 12 मार्च को देशभर के आदिवासी महाजुटान करेंगे. इसे लेकर सोनोत संथाल समाज की केंद्रीय समिति ने शुक्रवार को धनबाद समाहरणालय के मुख्य द्वार पर धरना दिया और डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा.
समिति के केंद्रीय संयोजक रमेश टुड्डू ने कहा कि 12 मार्च को आदिवासी समाज के लोग मधुबन में एकजुट होकर प्रतिरोध मार्च निकालेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि आदिवासी, मूलवासी और दलित समाज के विभिन्न संगठन राष्ट्रपति से मांग कर रहे हैं कि पारसनाथ पर्वत (मारंगबुरू) के स्वामित्व को लेकर उचित कार्रवाई की जाए. इसे अतिक्रमण मुक्त किया जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि पारसनाथ को “इको सेंसेटिव जोन” घोषित किए जाने के बावजूद वहां कई धर्मशालाएं और मठ बनाकर इस स्थल का अतिक्रमण किया जा रहा है. यह आदिवासियों की धार्मिक आस्थाओं के लिए गंभीर चिंता का विषय है. पारसनाथ पर्वत को आदिवासी समाज की धार्मिक आस्था के अनुसार संरक्षित किया जाए और उस पर हो रहे अतिक्रमण को तुरंत रोका जाए.
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