Ranchi: झारखंड राज्य विद्यालय रसोइया संघ के राज्य महासचिव गीता मंडल ने राज्य सरकार द्वारा विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनाने वाली रसोइया बहनों के मानदेय में 1000 की वृद्धि करने और इसे 3000 प्रति माह करने के निर्णय का स्वागत किया है. साथ ही संघ ने यह भी कहा कि यह निर्णय लगभग एक वर्ष पूर्व लिया गया था, अतः बढ़ी हुई राशि को पूर्व की तिथि से जोड़कर भुगतान किया जाना चाहिए. इसके अलावा, रसोइयों की नियुक्ति के लिए एक नियमावली तैयार करने की बात हुई थी, जिसे शीघ्र लागू करने की आवश्यकता है.
संघ ने एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार 19 से 49 वर्ष की महिलाओं को 2500 प्रति माह “मंईयां सम्मान राशि” दे रही है, जबकि विद्यालयों में कठिन श्रम कर बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने वाली रसोइया बहनों को केवल 3000 प्रतिमाह दिया जा रहा है. यह असमानता और भेदभावपूर्ण नीति स्वीकार्य नहीं है. संघ ने रसोइयों के मानदेय को कुशल श्रमिक की श्रेणी में लाकर न्यूनतम 12000 प्रति माह करने की मांग की है. साथ ही अगले वित्तीय वर्ष से झारखंड की सभी रसोइया दीदियों को 12000 प्रतिमाह मानदेय की गारंटी सुनिश्चित करने की अपील की है.
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