Dhanbad : हैदराबाद की बंदी गायत्री ने बतौर इंजीनियर अंडरग्राउंड कोयला खदान में काम कर महिलाओं के लिए मिसाल पेश की हैं. बंदी गायत्री टाटा स्टील की पहली अंडरग्राउंड खदान इंजीनियर हैं और फिलहाल धनबाद की टाटा सिजुआ कोलियरी में पदस्थापित हैं.
आईआईटी बीएचयू से ली माइनिंग इंजीनियरिंग की डिग्री
बंदी गायत्री ने आईआईटी बीएचयू से माइनिंग में में चार साल की पढ़ाई पूरी कर इंजीनियर की डिग्री ली है. इसके बाद उन्होंने टाटा स्टील में अपने करियर की शुरुआत की. उन्होंने बताया कि माइनिंग इंजीनियरिंग के बारे में उन्होंने पहले केवल सुना था, लेकिन इस क्षेत्र में काम करने का पहला अवसर मिलने पर उन्हें अत्यधिक खुशी हुई.
ओपनकास्ट व अंडरग्राउंड माइंस में है अंतर
गायत्री ने बताया कि ओपनकास्ट माइंस और अंडरग्राउंड माइंस दोनों की कार्यशैली और चुनौतियां अलग-अलग हैं. जब उन्होंने पहली बार अंडरग्राउंड माइंस में प्रवेश किया, तो वह उत्साह और जोश से भरी थीं. उनका कहना है कि इस क्षेत्र में काम करना एक शानदार अनुभव रहा और यहां काम करते हुए उन्हें किसी भी प्रकार का डर महसुस नहीं हुआ.
महिलाओं के लिए प्रेरणा प्रेरणा स्रोत बनीं गायत्री
बंदी गायत्री ने न केवल टाटा स्टील की पहली महिला अंडरग्राउंड खदान इंजीनियर बनने का गौरव प्राप्त किया है, बल्कि यह साबित कर दिया कि महिलाएं न केवल आसमान की ऊंचाइयों, बल्कि जमीन के नीचे भी अपनी काबिलियत का लोहा मनवा सकती हैं.
यह भी पढ़ें : झारखंड में अंतिम सर्वे सेटलमेंट को लागू करना आवश्यकः ममता देवी
हर खबर के लिए हमें फॉलो करें
Whatsapp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q
Twitter (X): https://x.com/lagatarIN
google news: https://news.google.com/publications/CAAqBwgKMPXuoAswjfm4Aw?ceid=IN:en&oc=3