Ranchi: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने झारखंड सरकार की “मिशन यूपीएससी” योजना पर सवाल खड़े किए हैं. शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि यह योजना छात्रों के लिए कारगर साबित होने के बजाय एक क्रूर मज़ाक बन गई है.
चयन प्रक्रिया पर सवाल
अजय साह ने कहा कि इस योजना के तहत छात्रों की मेरिट लिस्ट तैयार करने का तरीका पूरी तरह से अव्यवहारिक और अनुचित है. चयन प्रक्रिया के अनुसार, सबसे पहले उन छात्रों को लाभ मिलेगा, जिन्होंने यूपीएससी के साक्षात्कार दिया है, इसके बाद यूपीएससी प्रीलिम्स पास करने वाले छात्रों को लिस्ट में शामिल किया जाएगा.
अन्य राज्यों के का दिया उदाहरण
अजय साह ने अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में ऐसी योजनाओं के तहत छात्रों की मेरिट लिस्ट प्रतियोगिता के जरिए तैयार की जाती है, जिससे योग्य और जरूरतमंद छात्रों का चयन हो सके. गुजरात सरकार ने खुद की कोचिंग व्यवस्था स्थापित की है, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन मिल रहा है.
राज्य सरकार से किया आग्रह
अजय साह ने झारखंड सरकार से आग्रह किया कि “मिशन यूपीएससी” के तहत लाभार्थियों की सूची खुली प्रतियोगिता या ग्रेजुएशन के अंकों के आधार पर तैयार की जाए. इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना का लाभ सही मायनों में उन आदिवासी छात्रों तक पहुंचे, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है.
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