NewDelhi : आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी को भारत का पासपोर्ट सरेंडर कर दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित छोटे से देश वानुआतु की नागरिकता लेना भारी पड़ गया है. खबर है कि वानुआतु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने नागरिकता आयोग से ललित मोदी का पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश दिया है. जोथम नापत ने कहा कि मैंने नागरिकता आयोग को निर्देश दिया है कि वह ललित मोदी का वानुआतु पासपोर्ट तुरंत रद्द कर दे.
Vanuatu Prime Minister Jotham Napat directs the Citizenship Commission to cancel the Vanuatu passport issued to Lalit Modi. pic.twitter.com/Ogqgqv5JZj
— Press Trust of India (@PTI_News) March 10, 2025
वानुआतु का पासपोर्ट रखना एक विशेषाधिकार है, कोई अधिकार नहीं
वानुआतु के पीएम ने कहा कि उन्हें यह जानकारी मिली है कि इंटरपोल ने ललित मोदी को लेकर भारत सरकार द्वारा भेजे गये अलर्ट नोटिस को न्यायिक साक्ष्य के अभाव में दो बार खारिज कर दिया था. पीएम ने कहा, वानुआतु का पासपोर्ट रखना एक विशेषाधिकार है, कोई अधिकार नहीं याचिकाकर्ताओं को वैध कारणों के आधार पर ही नागरिकता लेनी चाहिए.
भारत के भगौड़े ललित मोदी ने सात मार्च को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया था. विदेश मंत्रालय ने इस खबर की पुष्टी करते हुए कहा कि ललित मोदी ने अपना पासपोर्ट जमा कर दिया है.
पासपोर्ट बेचना यहां की सरकार की आय का प्रमुख स्रोत है
वानुआतु की बात करें तो यहां की अर्थव्यवस्था खेती, टूरिज्म, मछली पकड़ने और विदेशी वित्तीय सेवाओं पर आधारित है. वानुआतु में निवेश आधारित नागरिकता है. वहां निवेश कर उस देश की नागरिकता हासिल की जा सकती है. दिलचस्प बात यह है कि यहा कि पासपोर्ट बेचना भी यहां की सरकार की आय का प्रमुख स्रोत है. वानुआतु एक टैक्स हेवेन माना जाता है. यहां ना तो इनकम, संपत्ति या किसी तरह का कार्पोरेट टैक्स लगता है.
पिछले दो सालों में 30 अमीर भारतीयों ने यहां की नागरिकता ली है
पिछले दो सालों में 30 अमीर भारतीयों ने यहां की नागरिकता ली है. एक रिपोर्ट के अनुसार, वानुआतु का पासपोर्ट 113 देशों में बिना वीजा के प्रवेश की अनुमति देता है. हेनली पासपोर्ट इंडेक्स पर नजर डालें तो वानुआतु का पासपोर्ट दुनिया के 199 देशों में 51वें नंबर पर है. सऊदी अरब (57), चीन (59) और इंडोनेशिया (64) से ऊपर है. भारत 80वें स्थान पर है.
ललित मोदी 2010 में ब्रिटेन फरार हो गये थे
ललित मोदी 15 साल पहले भारत से ब्रिटेन फरार हो गये थे. भारत लगातार उनके प्रत्यर्पण की मांग करता रहा है. उस पर मनी लान्ड्रिंग और टैक्स चोरी के आरोप हैं, जिसे वे खारिज करते रहे हैं.
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