Ranchi: राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत (अनिबंधित) के तत्वावधान में हरमु टोंगरी टोली में सरना समाज का एकदिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन हुआ. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि गांव औऱ समाज को खुशहाल बनाना है. इसके लिए सामाजिक, बुद्धिजीवी, सांस्कृतिक कलाकार व नौकरी करने वाले लोगों को समाज में आना होगा. तभी आदिवासी समाज की अस्मिता और पूर्वजों से प्राप्त सरना धर्म संस्कृति की रक्षा हो सकेगी. धर्मअगुवा महासचिव जलेश्वर उरांव ने कहा कि सामाजिक, धार्मिक व सांस्कृतिक ही आदिवासी की पहचान है. इनकी अपनी भाषा है. अपनी संस्कृति है और परंपरा है.
प्रशिक्षण शिविर में धार्मिक जमीन को बचाने का लिया संकल्प
प्रशिक्षण शिविर में विभिन्न मौजा के पाहनों ने हिस्सा लिया. रूढ़ीवादी परम्परा, ग्राम के धार्मिक धरोहरों को बचाने का संकल्प भी लिया. आदिवासियों के धार्मिक जमीन डाली कतारी, खूंटकटी, भूईहरी, पहनई, कोटवारी जमीन की रक्षा के लिए गांव में समिति का गठन करने की बात कही. इसमें युवाओं को समय समय पर लोगों को जागरूक करने पर चर्चा की गई. आदिवासी समाज के जन्म से मृत्यु तक सभी संस्कार का पालन करते रहना है.
इममें शादी ब्याह, रीति रिवाज, नेग नियम, खान पान एवम आदिवासी समाज के क्षेत्रीय स्तर की पूजा पद्धति एवं क्रिया-कलाप होता रहा है. इसे जीवित रखने के लिए आदिवासी समाज के बुद्धिजीवियों, स्थानीय जानकार, ग्राम पाहन को आगे आना होगा. सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक प्रशिक्षण को मजबूत बनाने के लिए प्रखण्ड, जिला स्तर औऱ राज्य में करने का संकल्प लिया गया.
पाहन की उपस्थित में हो रहा है सरना प्रार्थना सभा
सरना प्रार्थना सभा कई स्थानों पर हो रहा है. समाज में पाहन के धार्मिक एवं संस्कृति उत्थान कार्य असंभव है. समाज के हर कार्यक्रम में पाहन की अहम भूमिका होती है. जन्म से लेकर मृत्यु तक की सारे विधि विधान पाहन द्वारा होती है. आज की परिस्थिति में पाहन व्यवस्था डगमगा रही है. इससे समाज दिग्भ्रमित हो रहा है. आदिवासी समाज के अंदर संस्कार, संस्कृति और धार्मिक विधि – विधान में विकृति हो गयी है. पढ़े लिखे और बाहरी राज्यों में रह रहे है अपना पर्व त्योहार को भूलते जा रहे हैं. मौके पर राष्ट्रीय महासचिव जलेश्वर उरांव, राष्ट्रीय संरक्षक अजय तिर्की, हजारीबाग सरना धर्मगुरु बबन तिग्गा, खूंटी सरना धर्मगुरु सोमरा मुंडा, बुंडू सरना धर्मगुरु एतवा मनीष उरांव, सिल्ली सरना धर्मगुरु गोंदूरा उरांव, रांची जिला सरना धर्म गुरु बिरसा उरांव, संगठन सचिव गैना कच्छप, मीडिया प्रभारी अमित गाड़ी, महादेव उरांव, बिगलाहा उरांव समेत अन्य मौजूद थे.
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