Ranchi: पेयजल विभाग के इंजीनियर निरंजन कुमार ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी हासिल की है. कैशियर संतोष कुमार ने सरकार को भेजे गये अपना जवाब में इस बात का दावा किया है. साथ ही इससे संबंधित ब्योरा देते हुए मामले की जांच कराने का अनुरोध किया है.
कैशियर संतोष कुमार ने अपने जवाब में कहा है कि निरंजन कुमार को इस बात की सूचना मिली थी कि उसके पास उनकी नियुक्ति से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी है. इसकी सूचना मिलने के बाद निरंजन कुमार ने उसे 20 दिसंबर 2023 को अपने कार्यालय में बुला कर धमकी दी थी.
संतोष कुमार ने अपने पत्र में निरंजन कुमार के जाति प्रमाण पत्र का उल्लेख करते हुए कहा है कि उनके पिता का नाम परशुराम सिंह है. निरंजन कुमार मूलतः भागलपुर जिले के पीरपैंती प्रखंड के निवासी है.
उनकी नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 21-5-1997 को सहायक अभियंता के पद पर की गयी थी. नियुक्ति से संबंधित पत्र में निरंजन कुमार ने अपना पता चाईबासा दिखाया. इसमें उनका पता, द्वारा देवेश कुमार, मोहल्ला – केवट साईं (कुजू) पोस्ट-इचा जिला चाईबासा दर्ज है.
संतोष कुमार ने अपने पत्र में कहा है कि निरंजन कुमार ने चाईबासा के पते पर जाति प्रमाण पत्र बनाया. इस जाति प्रमाण पत्र में उन्हें पिछड़ी जाति एनेक्चर-1 का सदस्य बताया गया है.
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 6-3-1997 को जारी अधिसूचना संख्या 2398 के सीरियल नंबर 109 पर उन्हें पिछड़ी जाति एनेक्चर-1 के होने का उल्लेख किया गया है. दूसरी तरफ पेयजल विभाग के इंजीनियरों द्वारा जारी औपबंधिक और अंतिम वरीयता सूची में उन्हें अनारक्षित वर्ग का बताया गया है.
संतोष कुमार ने अपने पत्र में कहा है कि 14-6-2022 को विभागीय इंजीनियरों की औपबंधिक वरीयता सूची जारी की गयी थी. इसमें निरंजन कुमार को अनारक्षित वर्ग का बताया गया है.
13.9.2022 को जारी अंतिम वरीयता सूची में भी निरंजन कुमार को अनारक्षित वर्ग का बताया गया है. इससे यह पता चलता है कि निरंजन कुमार ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी हासिल की.
संतोष ने अपने पत्र में निरंजन कुमार पर फर्जी वाउचरों के सहारे इंधन मद से 4.47 करोड़ रुपये और कार्यपालक अभियंता द्वारा इंधन मद में 17.81 लाख रुपये की निकासी का उल्लेख किया है.
संतोष ने अपने पत्र में कहा है कि निरंजन कुमार ने इंधन मद से 4.47 करोड़ रुपये की निकासी के लिए उसके खाते का इस्तेमाल किया. इस रकम की निकासी मार्च 2021, 2022 और 2023 में डोरंडा ट्रेजरी से की गयी थी.
राधेश्याम रवि ने इंधन के नाम पर 17.81 लाख रुपये की निकासी की. इस रकम को निरंजन कुमार, चंद्रशेखर और राधेश्याम ने उससे फोन-पे और योनो एप के सहारे वापस लिया.