Patna: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर भी सक्रिय हो चुके हैं. उनके निशाने पर पर कभी नीतीश सरकार तो कभी विपक्ष रहता है. इस बार जनसुराज पार्टी के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एनडीए की गठबंधन सरकार को निशाने पर लिया.
प्रेस वार्ता के दौरान पीके ने नीतीश सरकार पर भूमि सर्वे में देर होने पर सवाल उठाया. कहा कि भूमि सर्वे का काम 2013 से शुरू किया गया. अब तक सिर्फ बिहार में उपलब्ध जमीन का बीस प्रतिशत जमीन पर सर्वे ही हो पाया है. देश भर में जो आंकड़ा है कि दो से पांच साल में सरकार भूमि सर्वे का काम पूरा कर देती है. लेकिन, बिहार में भूमि सर्वे के नाम पर लूट मची है.
कहा कि दाखिल खारिज, पेपर बनाने, रसीद कटवाने के नाम पर जमकर भ्रष्टचार हो रहा है. यह पूरा इसलिए नहीं हो पाया कि सरकार ने जमीन सर्व कराने के लिए बेहतर व्यवस्था नहीं की और न ही तकनीक और संसाधन का इस्तेमाल कर पाई. तेलंगाना में बिहार के बाद जमीन सर्वे का काम शुरू हुआ और पूरा भी हो गया.
पीके ने कहा कि जिस तरह पीएम नरेद्र मोदी ने पंद्रह लाख खाते में देने की बात कही थी, उसी तरह का जुमला सीएम नीतीश कुमार ने भी दिया है. सीएम ने दो साल पहले गरीब परिवारों को दो लाख रुपये देने की बात कही थी लेकिन अब तक एक भी परिवार को यह राशि नहीं मिली है.
पीके ने कहा कि नीतीश सरकार ने 39 लाख घर और भूमिविहीन लोगों को एक लाख बीस हजार रुपये जारी करने का फैसला किया था, इसमें अब तक कितने लोगों को राशि दी गई? कहा कि दलित-महादलित के नाम पर बहुत दिन से राजनीति चल रही है. 2006 में सीएम नीतीश कुमार ने वादा था जिस दलित-महादलित परिवार के पास घर नहीं है, उसे घर बनाने के लिए तीन डिसमिल जमीन दी जाएगी.
कहा कि यह वादा महादलित मिशन योजना के तहत की गई थी. अब तक जो सरकार द्वारा आंकड़े उपलब्ध कराएं गए हैं, उसमें दो लाख 34 हजार परिवारों को आज तक तीन डिसमिल जमीन दी गई है. इसमें आश्चर्य की बात यह है कि एक देशपाल कमेटी की रिपोर्ट आई है.
इसमें यह बताया गया है कि दो लाख 34 हजार परिवारों में एक लाख बीस परिवार ऐसे हैं जिन्हें जमीन तो दी गई लेकिन अब तक पोजिशन नहीं दी गई. सरकार से हमारी मांग है कि महादलितों को तीन डिसमिल की बात कही गई थी, वह धरातल पर क्यों नहीं आ पाई. पीके ने कहा कि नीतीश सरकार को इन सब का जवाब देना चाहिए.
इसे भी पढ़ें – पीएम मोदी ने लोक सेवकों को नागरिक देवो भवः का मंत्र दिया, भारत के भविष्य पर चर्चा की