Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने मंगलवार (22 अप्रैल) की सुबह रांची में कई जगहों पर छापेमारी शुरु की है. सूचना के मुताबिक रांची के लालपुर, चुटिया और कांके रोड में छापेमारी की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने बोकारो भूमि घोटाले में झारखंड और बिहार के कुल 15 ठिकानों पर छापा मारा. इडी ने बोकारो जमीन घोटाले से जुड़े लोगों के रांची और बिहार के ठिकानों पर छापेमारी मंगलवार की सुबह क़रीब सात बजे शुरू की.
रांची की बात करें तो कारोबारी विमल अग्रवाल और पुनीत अग्रवाल के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी चल रही है. इन दोनों के राजवीर कंस्ट्रक्शन पर ईडी छापेमारी कर रही है. इससे पहले 26 सितंबर 2023 को इनके ठिकानों पर जीएसटी की छापेमारी हो चुकी है. ये सभी बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट से जुड़े हुए है.
ईडी की टीम ने रांची के अलावा बोकारो में भी छापेमारी कर रही है. ईडी की टीम ने बोकारो में मनमोहन कंट्रक्शन के ऑफिस, वन विभाग ऑफिस, उपायुक्त कार्यालय, निबंधन कार्यालय, अंचल कार्यालय और इजहार हुसैन के आवास की तलाशी ले रही है.
छापेमारी के दायरे मे बोकारो में 74.38 एकड़ जमीन खरीदने वाले उमायुष मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े लोगों को भी शामिल किया गया है. इडी ने बोकारो भूमि घोटाले के सिलसिले में विभिन्न थानों में दर्ज प्राथमिकी को इसीआईआर के रूप में दर्ज करने के बाद इडी ने यह कार्रवाई शुरू की है.
बोकारो में संबंधित जमीन पर विवाद चल रहा है. वन विभाग का यह दावा है कि जमीन प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट है. जबकि ज़मीन की ख़रीद बिक्री में शामिल लोगों का यह दावा है कि यह जमीन उसके पूर्वजों ने ब्रिटिश शासन के दौरान 1933 में सरकार द्वारा की गयी नीलामी में खरीदी थी.
राज्य सरकार और वन विभाग द्वारा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट मे जमीन के सिलसिले में किये गये अलग अलग दावों की वजह से भारतीय वन सेवा के दो अधिकारी न्यायालय के अवमानना के दोषी करार दिये गये हैं.