Ranchi: प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने बोकारो के तेतुलिया मौजा में हुए भूमि घोटाले में झारखंड व बिहार के 15 ठिकानों पर छापेमारी की. छापेमारी के दायरे में रांची की राजबीर कंस्ट्रक्शन, जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल लोगों के अलावा चास के पूर्व अंचल अधिकारियों को शामिल किया गया है.
सबूत जुटाने के लिए पुरुलिया में सर्वे किया
-
घोटाले से जुड़े सबूत जुटाने के लिए इडी ने पश्चिम बंगाल के पुरुलिया सब रजिस्ट्रार के कार्यालय में भी सर्वे किया. पीएमएलए 2002 की धारा 16 के तहत किये गये सर्वे के दौरान पुरुलिया सब रजिस्ट्रार कार्यालय से जमीन से संबंधित आवश्यक दस्तावेज जब्त किये गये.
-
इजहार हुसैन और अख़्तर हुसैन ने बोकारो के तेतुलिया मौजा स्थित ज़मीन को अपने पूर्वजों द्वारा नीलामी में खरीदे जाने का दावा किया गया था. इसी दावे के आधार पर ज़मीन का मालिकाना हक हुसैन परिवार को मिला था. हालांकि बाद में प्रशासन द्वारा करायी गयी जाँच के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार ने ज़मीन की नीलामी से संबंधित दस्तावेज के अस्तित्व में नहीं होने की लिखित जानकारी दी थी.
-
इडी ने बोकारो ज़मीन घोटाले की जाँच के दौरान डीएफ़ओ और सीओ कार्यालय में भी सर्वे किया और ज़मीन से जुड़े दस्तावेज जब्त किये.
राजबीर कंस्ट्रक्शन ने जमीन की खरीद-बिक्री में पैसा निवेश किया है. छापेमारी के दौरान जमीन की हेराफेरी से जुड़े दस्तावेज जब्त किये गये हैं. इसके अलावा खरीद बिक्री में मिली रकम के निवेश से संबंधित मिले दस्तावेज की जांच जारी है.
इडी ने बोकारो भूमि घोटाले के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी को इसीआईआर के रूप में दर्ज करने के बाद मंगलवार (22 अप्रैल) की सुबह छापेमारी की कार्रवाई शुरू की. इडी की टीम सुबह करीब सात बजे, रांची, बोकारो, हजारीबाग, धनबाद और पटना के कुल 15 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा.
वीडियो में देखें जमीन घोटाले की पूरी कहानी…
इडी ने चास के पूर्व अंचल अधिकारी दिवाकर द्विवेदी के धनबाद और निर्मल टोप्पो के हजारीबाग स्थित ठिकानों पर भी छापा मारा. निर्मल टोप्पो को बोकारो की इसी जमीन की गलत बंदोबस्ती करने के आरोप में बर्खास्त किया चुका है.
जिसके ठिकाने पर छापा पड़ा
-
राजबीर कंस्ट्रक्शन के निदेशक पुनित अग्रवाल व अन्य
-
शैलेश सिंह, उमायुष मल्टीकॉम के निदेशक
-
आयुष कुमार सिंह, शैलेश सिंह का बेटा
-
दिवाकर द्विवेदी, पूर्व अंचल अधिकारी चास, वर्तमान डीटीओ धनबाद
-
रामेश्वर प्रसाद सिंह, बोकारो के पूर्व व धनबाद के वर्तमान सब रजिस्ट्रार
-
निर्मल टोप्पो, चास के बर्खास्त अंचल अधिकारी
-
इज़हार हुसैन, ज़मीन बिक्रेता
-
अख़्तर हुसैन, ज़मीन बिक्रेता
इडी ने चास के पूर्व अंचल अधिकारी दिवाकर द्विवेदी के ठिकानों पर दूसरी बार छापा मारा. इससे पहले कांके अंचल में हुए जमीन घोटाले में इडी ने उसके ठिकानों पर छापा मारा था. कांके जमीन घोटाले की जांच के बाद इडी द्वारा दिवाकर द्विवेदी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जा चुका है. द्विवेदी फिलहाल धनबाद जिले में जिला परिवहन पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित हैं.
इडी ने रांची में राजबीर कंस्ट्रक्शन के निदेशक पुनित अग्रवाल और उमायुष मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित आयुष सिंह के ठिकानों पर भी छापेमारी की. आयुष सिंह का संबंध शैलेष सिंह से है. शैलेष सिंह उमायुष मल्टीकॉम कंपनी के निदेशक है.
उमायुष मल्टीकॉम कंपनी ने 74.38 एकड़ जमीन 10.30 करोड़ रुपये में खरीदी थी. एक लाख रुपये के शेयर कैपिटल वाली इस कंपनी ने अपने गठन के एक- दो महीने बाद ही बोकारो की यह जमीन 10.30 करोड़ रुपये में खरीदी थी.
जमीन में चल रहे कानूनी विवाद का संक्षिप्त ब्योरा
- जमीन रैयती है या वनभूमि इस मुद्दे पर कानूनी विवाद जारी है. राज्य सरकार हाईकोर्ट में जमीन से संबंधित केस हार चुकी है. वन विभाग ने जमीन पर अपनी दावेदारी स्थापित करने के लिए टाईटल सूट दायर कर रखा है. इसके अलावा फर्जी दस्तावेज के सहारे जमीन पर मालिकाना हक जताने के आरोप में प्राथमिकी भी दर्ज करायी है.
- फिलहाल वन विभाग द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की जांच झारखंड पुलिस की सीआइडी कर रही है.
- हाईकोर्ट ने जमीन की अलग अलग प्रकृति बताने सहित अन्य कारणों ने बोकारो के डीएफओ और आरसीसीएफ को अवमानना का दोषी करार दिया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में आठ सप्ताह तक अवमानना के मामले में सजा नहीं सुनायी है.
जमीन की खरीद 10, 11 और 12 फरवरी 2021 को चार सेल डीड के माध्यम से की गयी थी. इडी द्वारा की गयी जांच के दौरान इस बात की जानकारी मिली है कि उमाय़ुष मल्टीकॉम को जमीन खरीदने के लिए राजबीर कंसट्रक्शन ने फंड उपलब्ध कराया था.
इडी ने उमायुष मल्टीकॉम को फंडिंग करने की वजह से राजबीर कंस्ट्रक्शन को छापामारी के दायरे में शामलि किया है. इडी ने उमायुष मल्टीकॉम के निदेशक शैलेष सिंह के पटना स्थिति ठिकानों पर भी छापा मारा है.
इडी ने बोकारो में जमीन की बिक्री करने वाले इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन के ठिकानों पर भी सुबह से ही छापेमारी शुरु की. इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन ने 74.38 एकड़ जमीन उमायुष मल्टीकॉम को सिर्फ 10.30 करोड़ रुपये में बेची थी. सर्किल रेट से इस जमीन की कीमत 23.13 करोड़ रुपये है. जबकि जमीन का बाजार मूल्य इससे कई गुना अधिक है.
बोकारो की जिस जमीन की खरीद बिक्री के सिलसिले में इडी कार्रवाई कर रही है उस जमीन पर इजहार हुसैन व अख्तर हुसैन ने अपने पूर्वजों द्वारा 1933 में पुरूलिया जिला प्रशासन द्वारा की गयी नीलामी में खरीदने के आधार पर दावा किया था. इसी दावे के अनुरूप तत्कालीन अंचल अधिकारी निर्मल टोप्पो ने जमीन की बंदोबस्ती की थी. सरकार ने जांच के बाद गलत तरीके से सरकारी जमीन की बंदोबस्ती करने के आरोप में निर्मल टोप्पो को बर्खास्त कर दिया था.