Ranchi : श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के जनजातीय विभाग में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी को लेकर मंगलवार को आदिवासी छात्र संघ के बैनर तले सैकड़ों छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया. छात्रों का आक्रोश देखते हुए कुलपति प्रो. तपन कुमार सांडिल्य स्वयं धरना स्थल पर पहुंचे और लगभग एक घंटे तक प्रदर्शनकारी छात्रों से संवाद किया.
कुलपति ने छात्रों की मांगों को जायज़ मानते हुए 15 दिनों के भीतर समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया. उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही विश्वविद्यालय के नए भवन में जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई के लिए दो कक्षाएं विशेष रूप से आवंटित की जाएंगी, ताकि शिक्षण कार्य में किसी प्रकार की बाधा न आए.
एक ही कक्ष में चल रही कई सेमेस्टर की पढ़ाई : छात्रों ने बताया कि मुंडारी, कुड़ुख, हो, खड़िया और संथाली जैसी पांच क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई के लिए कक्षों की भारी कमी है. एक ही कमरे में एक साथ कई सेमेस्टर की कक्षाएं संचालित की जाती हैं, जिससे पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ता है. इस पर कुलपति ने आश्वासन दिया कि नए भवन में शीघ्र ही दो कमरे उपलब्ध कराए जाएंगे.
फाइनेंस ऑफिसर पर लगाया सहयोग न करने का आरोप : संवाद के दौरान कुलपति प्रो. सांडिल्य ने विश्वविद्यालय के फाइनेंस ऑफिसर पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि छात्र केंद्र ‘अखरा’ के सौंदर्यीकरण के लिए कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन फाइनेंस ऑफिसर द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई. उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला राज्यपाल तक पहुंचाया जाएगा.
पंखे, शौचालय और पेयजल की बेहतर व्यवस्था का आश्वासन : प्रदर्शनकारी छात्रों को यह भरोसा भी दिलाया गया कि जनजातीय विभाग में शीघ्र ही 10 पंखे, स्वच्छ शौचालय और शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाएगी. आदिवासी छात्र संघ के अध्यक्ष विवेक तिर्की ने बताया कि नामांकन के समय से ही विभाग की समस्याओं को प्रशासन के संज्ञान में लाया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
परीक्षाएं स्थगित : कुड़ुख विभाग के छात्र दिनेश उरांव ने बताया कि परीक्षाएं 16 अप्रैल से चल रही हैं, लेकिन प्रदर्शन के चलते ‘अंडरस्टैंडिंग इंडिया’ और ‘एनवायर्नमेंटल स्टडीज’ की परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं.