Ranchi: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि मुख्यमंत्री को अपनी हालिया स्वीडन और स्पेन यात्रा का श्वेत पत्र शीघ्र जारी करना चाहिए. इस श्वेत पत्र में यात्रा पर हुए संपूर्ण खर्च का विवरण और निवेश संबंधी हुए समझौतों की स्पष्ट जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए. केवल निवेश की संभावनाओं या मौखिक आश्वासनों की चर्चा करना पर्याप्त नहीं है.
प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री की इस यात्रा को “व्यक्तिगत पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत सफल, लेकिन निवेश के दृष्टिकोण से पूर्णतः असफल” बताया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यूरोप के दो सबसे खूबसूरत देशों स्वीडन और स्पेन का भ्रमण कर लौट आए हैं, जहां वे विभिन्न दर्शनीय स्थलों पर अपने कैमरे से तस्वीरें लेते दिखाई दिए.
उन्होंने आरोप लगाया कि इस 11 सदस्यीय सरकारी दल की यात्रा पर लगभग 4.30 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई, जिसे एक निजी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को भुगतान किया गया. जबकि रांची के प्रतिष्ठित टूर ऑपरेटरों के अनुसार, प्रति व्यक्ति इस यात्रा की लागत 2.75 लाख के आसपास आती है.
उन्होंने सवाल उठाया कि जब मुख्यमंत्री के साथ अधिकारियों की पूरी टीम मौजूद थी, तब एक बाहरी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को नियुक्त करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए कि इस कंपनी को कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया.
प्रतुल शाहदेव ने यह भी कहा कि इस यात्रा में करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन झारखंड में निवेश को लेकर अब तक कोई ठोस, लिखित समझौता सामने नहीं आया है.
उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा बर्सिलोना एफसी क्लब के दौरे पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सीएम वहां क्लब की वाइस प्रेसिडेंट से जर्सी लेते और तस्वीरें खिंचवाते नजर आए, लेकिन जब फुटबॉल को झारखंड में बढ़ावा देने की बात आई तो करार आरसीडीई बार्सिलोना क्लब से किया गया, जो बर्सिलोना एफसी से बिल्कुल अलग और स्पेनिश लीग में 13वें स्थान पर है.
उन्होंने यह भी कहा कि आरसीडीई क्लब के मालिक चीनी उद्योगपति चेन यानशेंग हैं, जिनकी पृष्ठभूमि विवादास्पद रही है और मुख्यमंत्री को समझौते से पूर्व उनकी पृष्ठभूमि की जांच करनी चाहिए थी.
शाहदेव ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री की एक तस्वीर सामने आई है. जिसमें वे वोल्वो के इंजन के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं. यदि उन्हें वोल्वो की नवीनतम ईवी टेक्नोलॉजी देखनी थी, तो इसके लिए स्वीडन जाने की आवश्यकता नहीं थी. वोल्वो की आधुनिकतम ईवी गाड़ियां बेंगलुरु में भी निर्मित हो रही हैं और पुणे में टाटा कंपनी भी अत्याधुनिक ईवी ट्रक और बसें बना रही है.
उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा चेकोस्लोवाकिया के टेस्ला ग्रुप एएस से गीगा फैक्ट्री लगाने की बात पर भी तंज कसते हुए कहा कि एलन मस्क की टेस्ला कंपनी और चेकोस्लोवाकिया की टेस्ला ग्रुप एएस में “आसमान और जमीन” का अंतर है.
चेकोस्लोवाकिया की यह कंपनी मुख्य रूप से रेडियो, टीवी और बैटरियों का निर्माण करती है, जबकि भारत की टाटा और रिलायंस जैसी कंपनियों को पहले से ही गीगा फैक्ट्री निर्माण में वैश्विक स्तर पर विशेषज्ञता प्राप्त है.
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के आधिकारिक एक्स (Twitter) अकाउंट के अनुसार, उन्होंने स्वीडन और स्पेन की कंपनियों से खेलों की ब्रांडिंग, मार्केटिंग और क्रिकेट को बढ़ावा देने को लेकर चर्चा की. उन्होंने पूछा कि क्या विदेश यात्रा का मुख्य उद्देश्य पर्यटन था या राज्य में वास्तविक निवेश लाना?
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