Ranchi : केंद्र सरकार की नीतियों, कृषि कानूनों और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा को लेकर जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी, वाम दलों ने राजधानी के राजभवन के समक्ष संयुक्त धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यक्रम में कांग्रेस सेवा दल के नेता आलमगीर आलम, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, सांसद गीता कोड़ा, जेएमएम से सुप्रियो भट्टाचार्य विनोद पांडे, महुआ माजी जैसे नेता उपस्थित थे. मौके पर उपस्थित सभी नेताओं ने इस दौरान मोदी सरकार पर किसान विरोधी नीतियों को लाकर उन्हें तबाह करने का आरोप लगाया.
संबोधन करते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, आज केंद्र सरकार की गलत नीतियों के विरोध को लेकर सभी विपक्षी पार्टी सड़क पर उतरी है. उन्होंने कहा कि भगवान राम का नाम लेकर सत्ता में आयी बीजेपी आज अंबानी-अडानी जैसे पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है. सभी जानते हैं कि 10 माह से देश का किसान आज सड़क पर है, लेकिन उनकी बातों को सुनने की जगह इनको खत्म कर अपने पूंजीपतियों मित्रों को जिंदा करने का भाजपा लगातार काम कर रही है.
इसे भी पढ़ें- देवघर हवाई अड्डा पहुंच पथ मामले में सियासत गरमायी, जामताड़ विधायक ने की गोड्डा सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग
भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
आलमगीर आलम ने कहा, भाजपा जब से सत्ता में आयी है, देश का हर वर्ग उसकी गलत नीतियों का शिकार हो रहा है. पिछले 10 माह से देश का किसान आंदोलनरत हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है. वे विदेश तो चले जाते हैं, लेकिन किसानों से बातचीत करने का उनके पास समय नहीं है. उन्होंने कहा मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का वादा तो करती है, लेकिन दूसरी तरफ तीन काला कानून लाकर उन्हें आर्थिक रूप से खत्म भी करना चाह रही है. कांग्रेसी नेता ने कहा कि आज इस तीन काले कानून के विरोध में देश के हर प्रखंड स्तर पर गैर भाजपा दलों ने अपना प्रदर्शन किया है. अब उपायुक्त के माध्यम से वे लोग इस काले कानून के विरोध में राज्यपाल के ज्ञापन सौंपेंगे.
इसे भी पढ़ें- लातेहार में पुलिस-उग्रवादी मुठभेड़: सघन सर्च अभियान शुरू, इलाका पुलिस छावनी में तब्दील
देश ने अब कॉरपोरेट राज को खत्म करने का मन बना लिया है
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले सात वर्षों से देश अब कॉरपोरेट गुलामी की ओर बढ़ रहा है. उसके खिलाफ हर वर्ग आज त्रस्त है. बढ़ती महंगाई, लेकर पेट्रोल की बढ़ती कीमत के असर सड़क तक दिख रहा है. देश ने अब कॉरपोरेट राज को खत्म करने का मन बना लिया है. जेएमएम नेता ने कहा कि पहले देश में ईस्ट इंडिया कंपनी आयी थी, फिर ब्रिटिश राज. उसी तरह आज पहले देश में भाजपा आयी है, फिर वेस्ट इंडिया कंपनी. सभी जानते हैं कि यह वेस्ट इंडिया कंपनी अडानी-अंबानी की है, जो गुजरात में है.
राष्ट्रपति के नाम 11 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया
महाधरना कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल की अनुपस्थिति में राजभवन कार्यालय को 11 सूत्री मांग पत्र का ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से निम्नलिखित मांग रखी गयी है.
1 – भारत में सभी वैक्सीन उत्पादन की क्षमताओं को बढ़ाएं और टीकाकरण कायर्क्रम को सुनियोजित करें. विश्व स्तर पर टीकों की खरीद करें और मुफ्त सार्वभौमिक सामूहिक टीकाकरण अभियान को तुरंत तेज करें. कोविड के कारण अपनी जान गंवाने वालों के लिए पर्याप्त मुआवजा प्रदान करें. सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का व्यापक विस्तार करने के लिए आगे बढें.
2 – केंद्र सरकार को आयकर दायरे से बाहर के सभी परिवारों को प्रति माह 7,500 रुपये का मुफ्त नकद हस्तांतरण लागू करें. सभी जरूरतमंदों को दैनिक उपभोग की सभी आवश्यक वस्तुओं से यूक्त मुफ्त भोजन किट वितरित करे.
3 – पेट्रोलियम और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में वृद्धि को वापस ले. रसोई गैस और आवश्यक वस्तुओं, विशेष रूप से खाना पकाने के तेल की कीमतों को कम करे और तेजी से बढ़ती मुद्रास्फीति को नियंत्रित करें.
4 – तीन कृषि विरोधी कानूनों को निरस्त करें और किसानों को अनिवार्य रूप से एमएसपी की गारंटी दें.
5 – सार्वजनिक क्षेत्र के बेलगाम निजीकरण को रोक लगाएं. श्रमिक और श्रमिक वर्ग के अधिकारों को कमजोर करने वाली श्रम संहिताओं को निरस्त करें. मेहनतकश लोगों के विरोध करने के अधिकार और वेतन सौदेबाजी के अधिकारों को बहाल करें.
6 – MSMEs के पुनरुद्धार के लिए ऋण का प्रावधान नहीं बल्कि मौद्रिक प्रोत्साहन पैकेज लागू करें. हमारे आथिर्क और सामाजिक बुनियादी ढांचे के निमार्ण के लिए सार्वजनिक निवेश बढाएं, जिससे रोजगार पैदा हो और घरेलू मांग को बढ़ावा मिले. सरकारी नौकरियों में रिक्त पदों को अविलंब भरें.
7 – मनरेगा को कम से कम दोगुनी मजदूरी के साथ 200 दिनों के लिए बढ़ती गारंटी के साथ व्यापक रूप से बढ़ाए. इसी तर्ज पर एक शहरी रोजगार गारंटी कार्यक्रम कानून बनाएं.
8 – शिक्षण संस्थान जल्द से जल्द खुले इसे सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के टीकाकरण को प्राथमिकता दें.
9 – लोगों की निगरानी के लिए पेगासस स्पाइवेयर के उपयोग की उच्चतम न्यायालय की निगरानी वाली न्यायिक जांच तत्काल करें. राफेल सौदे की उच्च स्तरीय जांच हो. पहले के आदेश को रद्द करें और अधिक कीमत पर नया आदेश दें.
10 – भीमा कोरेगांव मामले में कठोर यूएपीए के तहत और सीएए के विरोध प्रदशर्नों सहित सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करें. लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने के लिए राजद्रोह/एनएसए जैसे अन्य कठोर कानूनों का उपयोग करना बंद करें. अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए हिरासत में लिए गए सभी मीडिया कर्मियों को रिहा करें.
11 – जम्मू-कश्मीर में सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करें. केंद्रीय सेवाओं के जम्मू-कश्मीर कैडर सहित पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करें. जल्द से जल्द स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराएं.
[wpse_comments_template]