- पीएम बोले- डेनिश कंपनियों के लिए भारत में निवेश के कई अवसर
Copenhagen : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन के बीच डेलिगेशन स्तर की बातचीत हुई. मोदी ने उम्मीद जतायी कि भारत-यूरोपीय यूनियन के बीच मुक्त व्यापार समझौतों पर जल्द हस्ताक्षर होंगे. कहा कि आज हमने भारत-ईयू रिश्तों, भारत-प्रशांत और यूक्रेन सहित कई क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की. हम आशा करते हैं कि भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौता पर बातचीत यथाशीघ्र संपन्न होंगे. पीएम मोदी ने कहा कि हमने यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने की अपील की. भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और ग्रीन इंडस्ट्रीज में डेनिश कंपनीज और डेनिश पेंशन फंड्स के लिए निवेश के बहुत अवसर हैं.
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उर्जा और शिक्षा क्षेत्र के कई समझौतों पर सहमति हुई
भारत और डेनमार्क ने मोदी और डेनिश प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सेन की उपस्थिति में आशय पत्र और समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया. इस दौरान दोनों देशों के बीच उर्जा और शिक्षा क्षेत्र के कई समझौतों पर सहमति बनी. डेनमार्क की पीएम ने बताया कि दोनों देशों के बीच ग्रीन एनर्जी को लेकर समझौता हुआ है.
Speaking at the joint press meet with PM Frederiksen. @Statsmin https://t.co/3uGqLdLop7
— Narendra Modi (@narendramodi) May 3, 2022
व्यापक आर्थिक सुधारों का लाभ मिल रहा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 200 से अधिक डेनिश कंपनियां भारत में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं. ये कंपनियां पवन ऊर्जा, शिपिंग, कंसल्टेंसी, खाद्य प्रसंस्करण, इंजीनियरिंग आदि के क्षेत्र में काम कर रही हैं. इन्हें भारत में बढ़ते ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और हमारे व्यापक आर्थिक सुधारों का लाभ मिल रहा है. हमारे दोनों देश लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसे मूल्यों को तो साझा करते ही हैं. साथ में हम दोनों की कई कंप्लीमेंट्री स्ट्रेंथ भी हैं.
‘इंडो पैसिफिक और यूक्रेन समेत कई वैश्विक मुद्दों पर की बात’
पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और कानून के शासन जैसे मूल्यों को तो साझा करते हैं. आज हमने इंडो पैसिफिक और यूक्रेन समेत कई वैश्विक मुद्दों पर भी बात की है. हम आशा करते हैं कि इंडिया-ईयू ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत जल्द पूरी होगी. हमने रूल बेस्ड और फ्री इंडो पैसिफिक क्षेत्र बनाने पर जोर दिया है. भारत ग्लासगो कॉप 56 में लिए गए संकल्पों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत और डेनमार्क के संबंध और ऊंचाईं पर जाएंगे.
मेट फ्रेडरिक्सेन ने बूचा नरसंहार की जांच कराने पर दिया जोर
समझौते के बाद पीएम मोदी और डेनिश प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सेन ने साझा प्रेस कांफ्रेंस भी की. इस दौरान डेनमार्क की पीएम फ्रेडरिक्सेन ने कहा कि डेनमार्क और भारत हमारी ग्रीन एनर्जी साझेदारी को कुछ ठोस परिणामों में बदलने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी के लिए उच्च महत्वाकांक्षाएं हैं. मुझे गर्व है कि डेनमार्क इन महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षाओं को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. डेनमार्क और पूरे यूरोपीय संघ ने यूक्रेन पर रूस के गैरकानूनी और अकारण आक्रमण की कड़ी निंदा की. मेरा संदेश बहुत स्पष्ट है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन इस युद्ध को रोकें और हत्याओं को समाप्त करना है.
We discussed consequences of horrible crimes committed against civilians & serious humanitarian crisis in Ukraine. The reports on killings of civilians in Bucha are deeply shocking. We have condemned these killings & we stress the need for an independent investigation: Danish PM pic.twitter.com/myWbYYQcFg
— ANI (@ANI) May 3, 2022
भारत रूस को भी प्रभावित करेगा
मुझे उम्मीद है कि भारत मामले पर रूस को भी प्रभावित करेगा. हमने यूक्रेन में नागरिकों के खिलाफ किए गए भयानक अपराधों और गंभीर मानवीय संकट के परिणामों पर चर्चा की. बूचा में नागरिकों की हत्या की खबरें बेहद चौंकाने वाली हैं. हमने इन हत्याओं की निंदा की है. हमने इस मामले में एक स्वतंत्र जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है. कोपेनहेगन में डेनिश पीएम मेटे फ्रेडरिकसेन ने कहा कि मैं भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन 2022 में हम दोनों के बीच कल भी अपने नॉर्डिक सहयोगियों के साथ चर्चा जारी रखने के लिए उत्सुक हूं.
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