Arjun Mondal
Dhanbad : भारतीय रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस ट्रेन में बदल दिया है, पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस बनाने के बाद इनके ठहराव ( स्टेशन) में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यानी जो ट्रेन जिस स्टेशन पर रुकती थी, वैसे ही उसी स्टेशन पर रुकेगी. कोई सुविधा भी नहीं बढ़ी. अंतर सिर्फ ट्रेनों के किराए में आया है. इन ट्रेनों पर सीट रिजर्व नहीं हो सकती है. पहले की तरह जेनरल टिकट पर ही यात्री को सफर करना पड़ेगा. रेलवे के इस फैसले के बाद पैसेंजर से एक्सप्रेस बनी ट्रेनों का किराया बढ़ गया. रेलवे के इस एलान से आम आदमी की जेब पर काफी असर पड़ेगा. इससे इन ट्रेनों में रोजाना यात्रा करने वाले स्टूडेंट्स और कारोबारियों में खासी नाराजगी देखी जा रही है.
पहले 10 था , अब किराया 30
रेलवे ने धनबाद होकर चलने वाली छह पैसेंजर ट्रेनों को एक मई से एक्सप्रेस बनाकर चलाने का फैसला किया है. इन ट्रेनों का न्यूनतम किराया 10 रुपये होता था. लेकिन, अब एक्सप्रेस बनाने पर इनका न्यूनतम किराया 30 रुपए कर दिया गया है, यानी किराए में सीधे तीन गुना की बढ़ोत्तरी हो गई है. इन पैसेंजर ट्रेनों में प्रतिदिन ऐसे यात्री सफर करते हैं, जो कॉलेज या किसी कोचिंग में पढ़ने जाते हैं. इसके अलावा छोटे कारोबारियों का आवागमन भी इन ट्रेनों के जरिए ही होता है. अब उन्हें महीने के हिसाब से कहीं अधिक पैसे देने होंगे. इन ट्रेनों के बढ़ने वाले किराए का असर व्यवसायियों की रोजी-रोजगार पर भी पड़ने वाला है.
पहले 20 लगता था, अब लगेंगे 60
प्रधानघंटा से धनबाद पढ़ने के लिए आए छात्र अभिजीत कुमार ने बताया कि पहले 10 रुपए में धनबाद पहुंच जाते थे. लेकिन, अब आने – जाने के लिए 60 रुपया चुकाना पड़ेगा. भूली निवासी रमेश रजक ने बताया कि वह रोज धनबाद मजदूरी के लिए ट्रेन से आते हैं, अब 60 रुपए आने-जाने के लिए चुकाना पड़ेगा. रोज मजदूरी भी नहीं मिलती है. सरकार को गरीबों को छूट देनी चाहिए. आसनसोल-गया मेमू, गया-आसनसोल मेमू, आसनसोल-वाराणसी मेमू, वाराणसी-आसनसोल मेमू, बर्धमान-हटिया मेमू, हटिया-बर्धमान मेमू पैसेंजर को एक्सप्रेस का दर्जा दे दिया गया है. इन ट्रेनों में आवागमन महंगा हो गया है.
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