Ranchi : अगर खाने की थाली में बाल मिल जाये या पास उड़ता हुआ कोई कीट पड़ जाए तो लोग घिन्न से खाना वहीं छोड़ देते हैं. क्योंकि किसी भी स्वस्थ इंसान को इतनी अक्ल है कि खाना दूषित हो गया. मगर यही वाक्या अगर किसी मानसिक रोगी के साथ हो, तो वो क्या करेगा,ये कहने की जरूरत नहीं है. राजधानी के कांके स्थित रिनपास में भी कुछ ऐसा ही मामला आया है. रिनपास के मरीजों को दोपहर में चूहा मरा खाना परोसा गया.
गुरुवार की दोपहर जब हाफ वे होम के मरीजों के बीच खाना परोसा गया. तो उसमें मरा हुआ चूहा पाया गया. खबर में प्रकाशित तस्वीर से ये स्पष्ट है. मानसिक रोगियों को इस बात की समझ की नहीं कि उन्हें क्या खिलाया जा रहा है, नहीं तो उसी वक्त बवाल हो जाता. यहां सवाल ये है कि रिनपास में काम करने वाले कर्मचारी तो स्वस्थ हैं, फिर भी इस तरह का खिलवाड़ किया गया. यहां बता दें कि मानसिक रोगियों के लिए खाना रिनपास के अंदर ही पकाया जाता है. यहां ये सवाल उठता है कि जिस स्थान पर रिनपास में मराजों का खाना पकाया जाता है, क्या वहां सफाई और स्वच्छा का ख्याल नहीं रखा जाता, जिससे इस तरह की घटना हुई.
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घटना के बाद पूरा खाना फेंका गया- सुपरिटेंडेंट
मरीनों को परोसे गये खाना में मरा चूहा मिलने के सवाल पर रिनपास के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ विनोद ने बताया कि हाफ वे होम में दोपहर में यह घटना घटी है. जिसके बाद मरीजों के बीच खाना सर्व नहीं किया गया. साथ ही बताया कि जितना भी खाना बना था, उसे फेंक दिया गया. उन्होंने बताया कि इस तरह की घटना आगे ना हो इसका ख्याल रखा जाएगा. गौरतलब है कि रांची स्थित रिनपास में मानसिक रोगियों का इलाज होता है. यहां झारखंड ही नहीं अन्य राज्यों से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं. लेकिन रिनपास आए दिन किसी ना किसी विवाद को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है.
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