Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) मीजल्स रूबेला अभियान व विभिन्न योजनाओं को लेकर 22 मार्च को कार्यालय सभागार में सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने समीक्षा बैठक की. एमआर अभियान के लिए एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (एईएफआइ) की कार्यशाला भी आयोजित की गई. सिविल सर्जन ने कहा कि यह अभियान अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में शुरू होगा व लगभग पांच सप्ताह तक चलेगा. इसमें 9 महीने से र 15 वर्ष तक के जिले के लगभग आठ लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण निर्धारित किया गया है. खसरा जानलेवा रोग है जो वायरस से फैलता है. इस कारण असमय मृत्यु व बच्चों में दिव्यांगता आ सकती है.
उन्होंने कहा कि रूबैला भी संक्रामक रोग है और वायरस से फैलता है. इसके लक्षण खसरा जैसे ही होतें हैं. यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरुआती चरण में संक्रमित हो जाए तो कंजेनिटल रूबैला सिंड्रोम (सीआरएस) हो सकता है, जो उसके भ्रूण व नवजात शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है. डब्लूएचओ के डॉ अमित कुमार ने कहा कि अगर बच्चे ने पहले टीका लिया है तो भी उसे टीका दिया जाएगा. खसरा रोग की सफाई व रूबेला को नियंत्रित करने के लिए टीका दिया जाना आवश्यक है. बैठक में डीआरसीएचओ डॉ संजीव कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर, सभी एमओआईसी सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे.
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