Ashish Tagore
Latehar : राजकुमार सिंह व उनकी पत्नी को पहले तो कुदरत ने मारा और अब उन्हें फेल्योर सरकारी सिस्टम की मार झेलनी पड़ रही है. सदर प्रखंड के ग्राम इचाक(जालिम) गांव के दिव्यांग इस दंपती की सुनने वाला कोई नहीं है. थक हार कर दोनों बुधवार को चिलचिलाती धूप में डीसी भोर सिंह यादव से मिलने समाहरणालय पहुंची. लेकिन यहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी. डीसी के क्षेत्र में रहने के कारण उनकी उनसे मुलाकात नहीं हो पायी.
शुभम संदेश व लगातार.इन को सुनाई अपनी पीड़ा
शुभम संदेश व लगातार.इन के संवाददाता ने जब उनकी परेशानी पूछी तो राजकुमार ने रूंआसे स्वर में कहा कि वे अपने पैरों से लाचार हैं. ट्राइसाइकिल से चलते हैं. उनकी पत्नी फोटो कुमारी जन्म से ही दृष्टिबाधित है. उनका एक आठ साल का बेटा भी है, जो कक्षा एक में पढ़ता है. मैं चल नहीं सकता हूं और पत्नी देख नहीं सकती है. ऐसे में उनकी परेशानियों का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. बावजूद इसके उनका राशन कार्ड नहीं है. राजकुमार सिंह ने बताया कि पहले उनका राशन कार्ड था, लेकिन बाद में डीलर ने बताया कि राशन कार्ड से नाम काट दिया गया. उसके बाद से राशन देना बंद कर दिया. राशन कार्ड के लिए भटक रहे हैं. कई बार आवेदन भी दिया, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी. उसने बताया कि उसकी पत्नी ने भी अलग राशन कार्ड बनाने के लिए आवेदन दिया है. जिसका पावती संख्या 3598021654 है. लेकिन अभी तक उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है.दिव्यांग दंपती ने बताया कि जिन्हें जरूरत है, उन लोगों को राशन कार्ड नहीं मिल रहा है और संपन्न लोग राशन का उठाव कर रहे हैं. दोनों ने डीसी से राशन कार्ड बनाने की मांग की है.
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