Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने होटल ली लैक के नक्शा विचलन मामले के सभी आरोपियों को आरोपों से मुक्त कर दिया है. हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इस मामले की सुनवाई के बाद 5 मई को आदेश पारित किया है. इस आदेश की कॉपी अपलोड कर दी गई है. सीबीआई ने होटल ली लैक का नक्शा पास करने के मामले में वर्ष 2011 में आरआरडीए के तत्कालीन टाउन प्लानर रामकुमार सिंह, तत्कालीन सचिव अजय शेखर, दुर्गानंद मिंज, स्टेट अफसर मनौव्वर आलम, जूनियर इंजीनियर नरेश प्रसाद सिंह व उमेश प्रसाद सिंह को आरोपी बनाया था. निचली अदालत ने इन सभी लोगों के खिलाफ दायर चार्जशीट को स्वीकार करते हुए संज्ञान भी लिया था. जिसे हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है. 13 अक्टूबर 2022 को आरोपियों के द्वारा दाखिल याचिका पर सभी पक्षों की ओर से बहस और सुनवाई पूरी होने के बाद हाइकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हाईकोर्ट के इस फैसले से आरआरडीए के तत्कालीन सचिव अजय शेखर, तत्कालीन टाउन प्लानर रामकुमार सिंह, दुर्गानंद मिंज, स्टेट अफसर मनौव्वर आलम, जूनियर इंजीनियर नरेश प्रसाद सिंह व उमेश प्रसाद सिंह को बड़ी राहत मिली है.
निचली अदालत द्वारा लिया गया संज्ञान सही नहीं
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि निचली अदालत द्वारा लिया गया संज्ञान सही नहीं है और नक्शा पास करने में कोई भी अनियमितता नहीं बरती गई है और न ही पैसों का लेनदेन हुआ है. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि जब जिसके पक्ष में नक्शा पास हुआ है (विनय प्रकाश), वह आरोप मुक्त हो चुका है, तो नक्शा पास करने वाले आरोपी कैसे हो सकते हैं और आपराधिक षड्यंत्र कैसे कर सकते हैं. आरआरडीए के अधिकारियों की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता सिद्धार्थ रंजन और शिप्रा शालिनी ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से इस केस में होटल ली लैक के संचालक विनय प्रकाश को राहत मिल चुकी है. अदालत ने उन्हें नक्शा पास करवाने के केस में दोषी नहीं पाया है.
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