Jamshedpur (Sunil Pandey) : आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के अधिकारिक संगठन ओलचिकी हूल बैसी ने एक दिवसीय झारखंड बंद की सफलता पर झारखंड की जनता खासकर आदिवासी समाज के लोगों का आभार जताया. संगठन के महासचिव दुर्गा चरण मुर्मू ने कहा कि लंबे समय से संताली एवं ओलचिकी को सम्मान देने के लिए मांग की जा रही है. लेकिन सरकार इसे अनसुना कर रही है. इस मामले को सरकार गंभीर नहीं है. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगल जल्द संगठन की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में पूरे देश के आदिवासी सड़कों पर उतरकर रोड-रेल जाम करेंगे तथा उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
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संगठन की मुख्य मांगे
ओलचिकी लिपि से संथाली भाषा की पाठ्य पुस्तकों का मुद्रण हो, ओलचिकी लिपि से संताली भाषा में पढ़ाई प्रारंभ हो तथा इसके लिए शिक्षकों की बहाली हो, झारखंड में अलग से संथाली एकेडमी का गठन हो, झारखंड प्रदेश में संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा अविलंब दिया जाए.
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