रेलवे बोर्ड की समिति की जांच रिपोर्ट में खुलासा के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था
Dhanbad : धनबाद रेल मंडल के 189 स्टेशन व हॉल्ट में 304 स्टॉल हैं. परंतु दुर्भाग्य यह है कि किसी भी स्टॉल पर गरीब व मध्यम वर्ग के यात्रियों को 15 रुपये में ‘जनता खाना’ नहीं मिल रहा है. इसका खुलासा रेलवे बोर्ड की यात्री सुविधा समिति की जांच रिपोर्ट में भी हुआ है. बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ. हालत यह है कि हर साल 26 हजार करोड़ कमाने वाले धनबाद रेल मंडल में गरीब यात्रियों के लिए बनी योजना फेल साबित हो रही है. समिति की रिपोर्ट पर रेलवे बोर्ड ने धनबाद सहित देशभर के 74 रेल मंडलों को निर्देश दिया गया है कि सभी बड़े-छोटे स्टेशनों में स्टॉल पर चाय, कॉफी, बिस्कुट, समोसे, मिनरल वाटर के अलावा ‘जनता खाना’ भी मिलना चाहिए. जनता खाना में 6 पूड़ी, सब्जी व अचार अनिवार्य है. धनबाद स्टेशन की ही बात करें तो कुल 34 स्टॉल हैं, लेकिन, एक भी स्टॉल पर जनता खाना नहीं मिलता है. यही हाल गोमो, पारसनाथ, कोडरमा, चंद्रपुरा, बरकाकाना, पतरातू, डालटनगंज व गढ़वा रोड आदि स्टेशनों का है.
यात्री फूड प्लाजा या होटलों में खाते हैं खाना
रेलवे सूत्रों के अनुसार साल में एक दिन भी रेलवे का कोई अधिकारी स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर संचालित दुकानों में जनता खाना के बारे में पूछताछ तक नहीं करता. यात्री फूड प्लाजा और होटलों में महंगा खाना खाने को विवश हैं. स्टॉल के वेंडर भी वही खाद्य सामग्री बेचते हैं, जिसमें फायदा अधिक होता है. स्टॉल पर जंक फूड अधिक मिलता है, जो पैकेट में होता है. जैसे मिक्चर, चिप्स, केक, बिस्कुट, चॉकलेट आदि. इसके अलावा पेटिस व क्रीम रौल भी बिकते हैं. रेलवे के मेन्यू के हिसाब से स्टॉल पर खाने-पीने की सामग्री नहीं मिलती है.
लाइसेंस रद्द व जुर्माना का है प्रावधान
जनता खाना नहीं रखने पर संबंधित वेंडर्स के खिलाफ दुकान का लाइसेंस रद्द करने सहित जुर्माना का प्रावधान है. हर स्टॉल पर जनता खाना के पैकेज रखना अनिवार्य है. पैकेट पर स्पष्ट रूप से जनता खाना लिखा होना चाहिए. बड़े अक्षरों में 15 रुपये मूल्य भी लिखा होना जरूरी है. हालांकि मेन्यू की सूची में जनता खाना लिखा है, लेकिन दिखता नहीं है. दुकानदार कहते हैं कि बिकता नहीं है. इसलिए नहीं रखते हैं. मेन्यू में बहुत कुछ लिखा है. रखने लगेंगे तो दूसरे दिन कूड़े में फेंकना पड़ेगा. धनबाद स्टेशन अधीक्षक रत्नेश कुमार का कहना है कि जनता खाना हर स्टॉल में रखना अनिवार्य है. ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई का प्रावधान है. स्टेशन में लगातार जांच कर समय-समय पर वेंडर्स को निर्देश दिए जाते हैं.
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