Washington/New Delhi: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने काउंसिल ऑन फॉरन रिलेशन में कहा कि 2020 में गलवान में हुई हिंसा के बाद से भारत और चीन के बीच संबंध असामान्य स्थिति में हैं. साथ ही बार बार रिश्ते तोड़ने वाले देश के साथ सामान्य होने की कोशिश करने को कठिन करार दिया. कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े देशों के बीच इस तरह के तनाव का असर हर किसी पर पड़ना लाजिमी है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH न्यूयॉर्क: भारत-चीन संबंधों पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, “चीन के साथ डील करने का एक आनंद यह है कि वे आपको कभी नहीं बताते कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं…यह कभी भी आसान रिश्ता नहीं रहा है। इसमें हमेशा समस्याएं रही हैं…1975 के बाद सीमा पर कभी कोई युद्ध विपत्ति नहीं… pic.twitter.com/GjCkW60Y7I
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 26, 2023
“It has never been an easy relationship”: EAM Jaishankar on China
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— ANI Digital (@ani_digital) September 27, 2023
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सामान्य होने की कोशिश करना बहुत कठिन है
विदेश मंत्री जयशंकर ने यह सब भारत चीन संबंधों को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में कहा. जयशंकर ने कहा, ऐसे देश के साथ सामान्य होने की कोशिश करना बहुत कठिन है जिसने समझौते तोड़े हैं. आप पिछले तीन साल पर नजर डालें तो यह बहुत ही असामान्य स्थिति है. उन्होंने कहा, हमारे बीच निश्चित रूप से उच्च स्तर का सैन्य तनाव है.
भारत में चीन के प्रति धारणा पर भी असर पड़ा
इस कारण भारत में चीन के प्रति धारणा पर भी असर पड़ा है. विदेश मंत्री जयशंकर ने दिल्ली और बीजिंग के बीच संबंधों को लेकर ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में कहा कि यह कभी आसान नहीं रहा. कहा कि हमारे बीच 1962 में युद्ध हुआ. उसके बाद भी सैन्य घटनाएं हुईं, लेकिन 1975 के बाद सीमा पर कभी भी किसी की मौत नहीं हुई. 1988 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के चीन दौरे में भारत ने संबंधों को अधिक सामान्य बनाया.
न तो भारत और न ही चीन LAC पर सेना जमा करेगा
जयशंकर ने कहा कि 1993 और 1996 में भारत ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए चीन के साथ दो समझौते किये. साथ ही कहा, विवादित मुद्दों पर बातचीत चल रही है. इस बात पर सहमति हुई है कि न तो भारत और न ही चीन LAC पर सेना जमा करेगा. यदि कोई भी निश्चित संख्या से अधिक सैनिक लायेगा है, तो वह दूसरे पक्ष को जानकारी देगा.
लॉकडाउन में चीनी सैनिक LAC की ओर बढ़ रहे थे
जयशंकर ने कहा, 2020 में जब भारत में सख्त COVID-19 लॉकडाउन था, तो देखा गया कि बहुत बड़ी संख्या में चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की ओर बढ़ रहे थे. तो हमने भी जवाबी तैनाती की. हम स्वाभाविक रूप से चिंतित थे कि सैनिक अब बहुत करीब आ गये थे.
जयशंकर ने कहा कि चीनी पक्ष ने कई बार अलग-अलग स्पष्टीकरण दिये हैं, लेकिन उनमें से कोई भी वास्तव में मान्य नहीं है. तब से हम डिसइंगेज करने की कोशिश में लगे हुए हैं. हम इसमें काफी हद तक सफल भी हुए हैं.
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