51.87 लाख रुपये की लागत से मनरेगा योजना के तहत कटकमसांडी में सड़क किनारे लगाए गए थे 2100 पौधे
- बरसात खत्म होने के बाद कभी नहीं किया गया पटवन
- ग्राम सभा से चयनित पट्टाधारी को करना था देखभाल
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : हरियाली है, तो जीवन है. इसे चरितार्थ करने की नीयत से झारखंड सरकार ने वर्षा ऋतु की शुरुआत में सड़कों के किनारे पौधरोपण अभियान की शुरूआत की थी. इसका मकसद पर्यावरण संरक्षण के साथ ही मनरेगा के तहत मजदूरों को रोजगार देना था. इसी के तहत कटकमसांडी प्रखंड के कई पंचायतों में सड़कों के दोनों किनारे मनरेगा योजना के तहत पौधरोपण कार्य किया गया था.
लाखों की योजना से लगाए गए इन पौधों की पांच वर्षों तक देखभाल भी की जानी थी. इन पौधों की सुरक्षा के लिए घेराबंदी जरूर की गई थी. लेकिन रोजगार सेवकों ने पौधों की उचित देखभाल की जरूरत नहीं समझी और न ही कभी पटवन किया. बरसात खत्म होते ही लगाए गए लगभग 80 प्रतिशत पौधे उचित देखभाल एवं पानी के अभाव में नष्ट हो गए. रोपे गए पौधों के पास समय-समय पर मजदूरों के जरिए कोड़ाई की जानी थी.
मामले को लेकर कटकमसांडी पंचायत के ग्रामीणों एवं खुटरा पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मनरेगा के तहत सड़क किनारे पौधा लगाना केवल दिखावा था. पौधा तो लगाया गया, पर पटवन और खुदाई के अभाव में पौधे नष्ट हो गए. यहां तक कि जाली लगाने में भी खानापूर्ति करते हुए महज एक फीट का जाली लगाया गया.
नष्ट पौधे की जगह लगेंगे नये पौधे : बीपीओ
इस संबंध में कटकमसांडी के बीपीओ अफरोज अख्तर ने कहा कि मनरेगा के तहत इस वर्ष 21 यूनिट पौधे लगाए गए. इसमें प्रति यूनिट में 100 पौधे होते हैं. प्रत्येक यूनिट के लिए 2.47 लाख की योजना होती है. इस अनुसार कटकमसांडी प्रखंड में कुल 51 लाख 87 हजार रुपये की योजना से 2100 पौधे लगाए. यह योजना पांच साल की थी, जिसमें पांच प्रतिशत रिप्लेसमेंट है. पौधा मर जाने के बाद दोबारा पौधा लगाने का प्रवाधान है. 5 साल में 2 लाख 47 हजार खर्च करना है. उन्होंने यह भी कहा कि पौधा लगाने के बाद देखभाल के लिए ग्राम सभा के माध्यम से पट्टाधारी का चयन कर जिम्मेदारी दी गई है. जो पौधे मर चुके हैं, उसे हटाकर वहां फिर से नए पौधे लगाए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि कटकमसांडी के पंचायत में शत प्रतिशत पौधे सुरक्षित हैं.
इसे भी पढ़ें : गजब : मुंबई के खिलाफ रणजी खेलने पहुंच गई बिहार की दो टीम, फिर हुआ जमकर बवाल
[wpse_comments_template]