Shivshankar Paswan
Panki, Palamu: भारत का चतरा एकलौता लोकसभा सीट है जहां आजादी के बाद अभी तक कोई भी स्थानीय सांसद नहीं बन सका. चतरा लोकसभा सीट साल 1957 में अस्तित्व में आया. इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद साल 2019 तक कुल 16 बार लोकसभा चुनाव हुए और इन 16 दफे जिस भी पार्टी के सांसद निर्वाचित हुए वे सब के सब बाहरी ही थे. बाहरी से हमारा तात्पर्य चतरा लोकसभा क्षेत्र का स्थानीय निवासी ना होना है. इस सवाल को सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने कौन बनेगा करोड़पति टीवी चैनल पर प्रश्न भी पूछा था.
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सत्यानंद भोक्ता और राजद कार्यकर्ता जनसंपर्क में जुटे
वहीं अब इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है. देश के अलग-अलग राज्यों की तरह ही झारखंड में भी सभी पार्टियां जोर आजमाइश कर रही है. झारखंड में कुल 14 लोकसभा सीट हैं. चतरा लोकसभा सीट के लिए प्रत्याशी दावेदारी ठोंकने लगे हैं. प्रत्याशी का चुनावी दौरा तेज हो गया है. 2024 का लोकसभा चुनाव विपक्ष संभवत: झारखंड में इंडिया गठबंधन के तहत लड़े. ऐसे में राज्य के 14 लोकसभा सीटों पर अब गठबंधन की पार्टियां और उनके नेता अपनी-अपनी दावेदारी पेश करना शुरु कर दिया है. ऐसे में चतरा विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल के झारखंड में एकलौते विधायक और हेमंत कैबिनेट में श्रम एवं नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने भी चतरा लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है. सत्यानंद भोक्ता ने गठबंधन की ओर से चतरा लोकसभा सीट के लिए सबसे प्रबल दावेदार खुद को बताया है. उन्होंने सिर्फ दावेदारी ही पेश नहीं की है बल्कि इस दावेदारी के पीछे की वजह भी बताई है. पांकी, मनातू, लेस्लीगंज, मनिका लातेहार सिमरीया में राजद कार्यकर्ता जोर शोर से जनसंपर्क चला रहे हैं.
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