Adityapur (Sanjeev Mehta) : इपीएस 95 के पेंशनरों ने सांसद विद्युत वरण महतो को पेंशन वृद्धि के लिए ज्ञापन सौंपा है. अपनी समस्या से अवगत कराते हुये पेंशनरों ने कहा कि इपीएस बनाते समय सरकार ने वादा किया था कि वह महंगाई सूचकांक के आधार पर पेंशन वृद्धि के लिए कानून की समीक्षा करेगी. किंतु सत्ताईस वर्षों में सिर्फ एक बार वृद्धि हुई, वह भी बहुत मामूली. बढ़ती हुई महंगाई के दौर में भी पेंशनर औसतन पौने बारह सौ रुपये के पेंशन पर जीने को मजबूर हैं.
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इस नगण्य पेंशन से दो बुजुर्ग प्राणियों का भरण पोषण मुश्किल नहीं, असंभव है. इस लिए देश के एकहत्तर लाख इपीएस पेंशनर विगत कई वर्षों से सम्मानजनक पेंशन के लिए सरकार के समक्ष आवाज उठा रहे हैं. उच्चतम न्यायालय के बाद कुछ पेंशनरों की पेंशनवृद्धि की उम्मीद जगी है किंतु अभी भी लाखों पेंशनर पुरानी पेंशन राशि पर ही जीने को मजबूर हैं.
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प्रतिनिधि मंडल में ये थे शामिल
पेंशनरों के प्रतिनिधि मंडल ने सांसद महोदय से आग्रह किया वह वरिष्ठ पेंशनरों की मांगों के पक्ष में संसद में आवाज उठाएं. जिसमें न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये और डीए का प्रावधान हो, पेंशनर और उसके पति/पत्नी के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा हो, सरकार 31 मइ 1917 को निर्गत ऐडवाइजरी वापस ले ताकि ज्यादा पेंशन का रास्ता प्रशस्त हो, जो कर्मचारी इपीएस की सदस्यता से वंचित रह गए उनको 5000 रुपये का मासिक पेंशन मिले. सांसद ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों की जानकारी शीर्ष नेतृत्व को है और वह भी लोकसभा में उनकी आवाज़ उठाएंगे. प्रतिनिधि मंडल में केपी सुई, महेंद्र मंडल, शशांक शेखर, रामचंद्र मंडल, सुधीर महतो, विश्व नाथ पाल, उत्पल कुमार गुहा, जीएस सिंह, बीके राय, केएल दास, श्याम लाल मंडल, सहित इक्कीस लोग शामिल थे.
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