सरकारी जमीन हड़पने के लिए कैलाश टिबड़ेवाल पर हो चुका है क्रिमिनल केस
Praveen Kumar/Amit Singh
Ranchi : गोड्डा के महगामा अंचल के बसुआ मौजा में ही नहीं, बल्कि महागामा, हनवारा, महुआरा, बालाचीनी, चांदचक, चांदसर, डेवढ़ी, दवेचक मौजा सहित कई अन्य मौजा में भी सरकारी और निजी जमीन (कामत मालिकों) हड़पने का जबरदस्त खेल हुआ है. यह खेल भूमाफिया, अफसर और सफेदपोशों की सांठगांठ से हुआ है. जमीन के गोरखधंधे की बहती गंगा में सबने जमकर हाथ धोए हैं. सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी कराने के साथ ही साथ उसपर कब्जा कर बेचने वालों में क्षेत्र के कई भूमाफिया सक्रिय हैं. इनमें टिबड़ेवाल परिवार का नाम सबसे आगे है. दबंगई और पहुंच- पैरवी की बदौलत टिबड़ेवाल परिवार ने महगामा अंचल के लगभग सभी मौजा में करोड़ों रुपये मूल्य की सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी करायी है. जमीन के गोरखधंधे को लेकर कैलाश कुमार टिबड़ेवाल के खिलाफ न्यायालय में क्रिमनल केस भी दर्ज हो चुका है.
दावा से कम है दस्तावेज में जमीन
कैलाश कुमार टिबड़ेवाल और उनके परिवार के सदस्य सरकारी जमीन के साथ-साथ सरकारी नहर और सरकारी पीसीसी रोड वाली जमीन पर भी अपना दावा ठोक चुके हैं. महगामा एसडीओ से की गयी शिकायत में बताया गया है कि कैलाश कुमार टिबड़ेवाल एवं अनिल कुमार टेकरीवाल और राजेश टेकरीवाल के आवेदन पर महागामा मौजा की जमाबंदी नंबर-200 का दाग नंबर 28 एवं 28/1235 के लिए है. इस जमीन में से कैलाश टिबड़ेवाल ने 13 बीधा 17 डिसमिल पर अपना दावा किया है. वही इस जमीन पर अनिल कुमार टेकरीवाल व राजेश टेकरीवाल ने भी दावा किया है. इन दोनों द्वारा 13 बीघा 12 डिसमिल जमीन पर दावा किया गया है.
जबरन जमीन पर कब्जा करने का प्रयास जारी
सरकारी दस्तावेज में इसी जमीन पर सरकारी नहर और पीसीसी पथ है. इस पर भी दावा किया गया है. इस जमीन से संबंधित खतियान में दोनों दाग नंबर में 13 बीघा 12 डिसमिल जमीन भी शामिल है. इस जमीन को लेकर न्यायालय में क्रिमनल केस (नंबर 91/2017, यू/ एस145) दिनांक 19.09.2018 को हो चुका है. इसमें यह आदेश पारित हुआ है कि यह स्वत्व के निर्धारण का मामला प्रतीत होता है, इसके लिए यह सक्षम न्यायालय नहीं है. इस जमीन के मामले में उच्च न्यायालय में डब्लयूपीसी 176/2017, दिनांक 24 फरवरी 2021 को फैसला भी आ चुका है. इसके बावजूद टिबड़ेवाल परिवार जमीन पर दावा करते हुए कब्जा करने की कोशिश की जा रही है.
सरकारी जमीन हथियाने के लिए बदल दिया टाइटल
जमींदारी उन्मूलन के बाद जब ढांढनिया परिवार बिखर गया, तो रामअवतार राम ने ढांढनिया परिवार से मिलता-जुलता टिबडे़वाल टाइटल अपने परिवार में रख दिया. केवल ढांढनिया टाइटल को हटा दिया. जैसे द्वारिका प्रसाद ढांढनिया की जगह द्वारिका प्रसाद मरवाड़ी कर दिया. इसके बाद अफसरों की मिलीभगत से उसने खुद को जमींदार का वंशज बताते हुए पंजी 2 में नाम दर्ज करा लिया. सरकारी जमीन हड़पने के लिए योजनाबद्ध तरीके से टाइटल बदलने का खेल हुआ. कैलाश टिबड़ेवाल, श्याम सुंदर राम, बालकृष्ण टिवड़ेवाल, दीपक टिबड़ेवाल, दिलीप टिबड़ेवाल से मिली जानकारी के अनुसार वे सभी रामअवतार राम के वंशज हैं. वर्तमान मेंअपना टाइटल बदल कर टिबड़ेवाल परिवार ढंढनिया की भी जमीन पर कब्जा कर रहा है.
अवैध जमाबंदी कराने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई : डीसी
गोड्डा डीसी जिशान कमर ने कहा कि महगामा अंचल में अवैध जमाबंदी कराने का मामला संज्ञान में आया है. एसडीओ और सीओ को निर्देश दिया गया है कि अवैध जमाबंदी करानेवालों को चिह्नित करें. अबतक 208 लोगों को चिह्नित कर नोटिस भेज दिया गया है. सभी को दस्तावेज के साथ पक्ष रखने को कहा गया है. जहां तक पशु अस्पताल की जमीन की बात है, तो उस मामले की भी जांच चल रही है. जिन लोगों ने सरकारी जमीन की अवैध जाबंदी करायी है, प्रक्रिया के तहत उन सभी पर जल्द ही निश्चित कार्रवाई होगी.
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