Patna : बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए मतदाता पुनरीक्षण अभियान चल रहा है, जो 26 जुलाई तक चलेगा. इस अभियान के तहत घर-घर जाकर 8 करोड़ गणना फॉर्म (फॉर्म 6, 7 और 8) बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के माध्यम से बांटे जा रहे हैं. BLO लोगों के दस्तावेज और फोटो भी ले रहे हैं. इसकी निगरानी जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DM) कर रहे हैं.
पहचान के लिए अब नहीं चलेंगे आधार, वोटर ID और मनरेगा कार्ड
मतदाताओं से निर्धारित समय सीमा में इन्हें भरने की अपील की गई है. आयोग ने साफ कर दिया है कि समय पर फॉर्म नहीं भरने वालों का नाम मतदाता सूची से हटाया जा सकता है. इस बार आयोग ने दस्तावेजों को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है. पहले जहां आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस और मनरेगा कार्ड जैसी पहचान पत्रों को मान्यता प्राप्त थी, अब उन्हें मतदाता पहचान के लिए स्वीकार्य नहीं माना जा रहा है. इसके बदले, आयोग ने 11 विशिष्ट दस्तावेजों को ही वैध मानने का निर्णय लिया है.
मान्य दस्तावेजों की सूची :
- - सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगियों का पहचान पत्र
- - पासपोर्ट
- - बैंक, डाकघर, एलआईसी आदि द्वारा 1987 से पहले जारी कोई प्रमाण पत्र
- - जन्म प्रमाण पत्र
- - बोर्ड/विश्वविद्यालय का शैक्षिक प्रमाण पत्र
- - स्थायी निवास प्रमाण पत्र
- - वन अधिकार प्रमाण पत्र
- - जाति प्रमाण पत्र
- - राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC)
- - सरकार द्वारा भूमि या मकान आवंटन प्रमाण पत्र
- - राज्य सरकार या स्थानीय निकाय द्वारा बनाया गया पारिवारिक रजिस्टर
इस अभियान का विपक्षी दल कर रहे विरोध
चुनाव आयोग का कहना है कि यह अभियान अवैध प्रवासियों को मतदाता सूची से बाहर करने के मकसद से शुरू किया गया है. आयोग के अनुसार, इस प्रक्रिया से सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल भारतीय नागरिक ही वोटर लिस्ट में शामिल रहें. हालांकि विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं. उनका आरोप है कि ऐसे लाखों लोग हैं, जिनके पास पुराने दस्तावेज तो हैं, लेकिन ये नए मानदंड नहीं पूरा करते. इससे अनुमानित तौर पर करीब 2 करोड़ लोगों का नाम सूची से हट सकता है.
RSS का कार्यालय बन गया है चुनाव आयोग
मतदाता सूची समीक्षा पर निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि चुनाव आयोग RSS का कार्यालय बन गया है. लोग तैयार हैं. चुनाव आयोग भगवान नहीं है. हम बिहार और बिहारी अस्मिता के लिए मरने को तैयार हैं. हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि पुनरीक्षण का उद्देश्य किसी को बाहर करना नहीं, बल्कि सभी योग्य नागरिकों को सूची में शामिल करना है. यह भी बताया गया कि राज्य में 22 साल बाद इतना गहन पुनरीक्षण हो रहा है.
VIDEO | Patna, Bihar: On voter list review, independent MP Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) says, "Election Commission has become office of RSS. The people are ready... Election Commission is not God. We are ready to die for Bihar and Bihari 'asmita' (identity)."
— Press Trust of India (@PTI_News) July 4, 2025
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