कांग्रेस नेता अजय कुमार ने सिक्किम को पड़ोसी राज्य बताया,भाजपा हमलावर हुई

 NewDelhi : भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस नेता व पूर्व IPS अजय कुमार द्वारा भारतीय राज्य सिक्किम को पड़ोसी देश बताये जाने पर हल्ला बोला . सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जिसका नेतृत्व राहुल गांधी करते हैं, जो ज़्यादातर समय देश से बाहर रहते हैं.

 

 

 

 

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने देश और दूसरे देश के बीच फर्क नहीं कर पाते. आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी पीएम मोदी का विरोध करने के लिए इतनी बेताब है कि वे देश और उसके हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्हें यह समझने की जरूरत है कि सिक्किम भारत का हिस्सा है. 

 

कांग्रेस पीएम मोदी के खिलाफ आंख मूंदकर विरोध करना बंद करें, तभी वे अपने देश की सच्चाई देख पायेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता अजय कुमार ने सिक्किम को पड़ोसी देश बताकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. 

 


कांग्रेस नेता अजय कुमार के बयान पर सिक्किम के राजनीतिक दलों सहित समाज के विभिन्न वर्गों ने कड़ी आलोचना की है. जान लें कि श्री कुमार ने मंगलवार को अपनी प्रेस वार्ता में सिक्किम को बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका के साथ पड़ोसी देश बताया था. 

 


हालांकि, बाद में एहसास होने पर वरिष्ठ कांग्रेस अजय कुमार ने  माफी मांग ली थी, कहा था कि उनकी जबान फिसल गयी थी.
उन्होंने सफाई दी कि सेल के (भारतीय इस्पात प्राधिकरण) 400 करोड़ के घोटाले  पर प्रेस वार्ता में जब मैं अपने पड़ोसी देशों के साथ बिगड़ते संबंधों पर बोल रहा था,  तो मैंने गलती से एक राज्य का नाम ले लिया जिसके लिए मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं.

 

अजय कुमार ने कहा, यह सिर्फ जुबान फिसलने की वजह से हुआ. आरोप लगाया कि भाजपा की नजर विपक्षी दलों के नेताओं की छोटी-छोटी गलतियों पर रहती है, 


सिक्किम के लोकसभा सदस्य इंद्र हंग सुब्बा कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कुमार की टिप्पणी को गैर-जिम्मेदाराना और अपमानजनक करार दिया. उन्होंने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर पोस्ट कर कहा कि इस तरह की विभाजनकारी बयानबाजी हमारी, संवैधानिक एकता के बारे में गहरी अज्ञानता को दर्शाती है. यह पूर्वोत्तर की गौरवशाली पहचान का अपमान करती है. 


 
भाजपा की सिक्किम इकाई के मीडिया प्रभारी निरेन भंडारी ने कहा कि कांग्रेस नेता, विशेषकर ऐसे व्यक्ति जो आईपीएस अधिकारी और संसद सदस्य रह चुके हैं, उनकी भारत के इतिहास और भूगोल के बारे में जानकारी की कमी  चिंताजनक है.  

 

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