New Delhi : केंद्र की मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर दिया है. पिछले दो साल में प्रति व्यक्ति कर्ज 90 हजार रुपये से बढ़कर 4.8 लाख हो गया है. यह आरोप कांग्रेस ने लगाया है.
"अच्छे दिन" का कर्ज़ा!
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 2, 2025
मोदी सरकार ने पिछले ग्यारह सालों में देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर दिया है। लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में कोई प्रयास नहीं किया गया, केवल पूंजीपति मित्रों के लिए सारी नीतियां बनाई गईं, जिसके नुकसान आज देश की जनता भुगत रही है। यह सच्चाई किसी न किसी… pic.twitter.com/Liyllm9jbY
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) की रिपोर्ट से संबंधित खबरों का हवाला देते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि जनता कर्ज में डूबी हुई है और पीएम मोदी के परम मित्र(अडानी) मुनाफा कमा रहे हैं. मित्रों की संपत्ति में लगातार इजाफा हो रहा है.
जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, अच्छे दिन का कर्ज़! मोदी सरकार ने पिछले ग्यारह सालों में देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर दिया है. लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में कोई प्रयास नहीं किया गया, केवल पूंजीपति मित्रों के लिए सारी नीतियां बनाई गयी, जिसका अंजाम आज देश की जनता भुगत रही है.
उन्होंने लिखा कि यह सच्चाई हर रोज हमारे सामने आ रही है. रमेश के अनुसार रिजर्व बैंक की नयी रिपोर्ट से भारत की अर्थव्यवस्था की चिंताजनक तस्वीर सामने आयी है. आरोप लगाया कि सरकार(मोदी)आंकड़ेबाजी और विषेशज्ञों का सहारा लेकर असली कमियों को छुपाने की कोशिश लगातार कर रही है. , लेकिन सच्चाई यह है कि मोदीराज में देश पर कर्ज का बोझ चरम पर है.
जयराम रमेश ने लिखा कि दो साल में प्रति व्यक्ति कर्ज 90,000 रुपये बढ़कर 4.8 लाख रुपये हो गया है. दावा किया कि सबसे ज्यादा 55 प्रतिशत कर्ज तथाकथित रूप से क्रेडिट कार्ड, मोबाइल ईएमआई आदि के लिए जा रहा है, यानी इस महंगाई में परिवारों को हो रही आय में उनका गुजारा नहीं हो रहा है. वे कर्ज लेने पर विवश हैं.
रमेश चिंता जताते हुए कहा कि मार्च 2025 तक भारत पर दूसरे देशों का बाहरी कर्ज 736.3 अरब डॉलर था. यह पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है. जयराम रमेश के अनुसार युवाओं के पास नौकरी नहीं है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, जनता महंगाई से त्रस्त है. संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा किया जा रहा है.