कांग्रेस ने कहा, मोदी सरकार का जनगणना गजट नोटिफिकेशन हेडलाइन मैनेजमेंट

 New Delhi :  केंद्र सरकार  द्वारा जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत गजट नोटिफिकेशन जारी किये जाने को लेकर  कांग्रेस ने कहा कि आज की जो अधिसूचना आयी है इसमें नयी बात क्या है?  

 

 

इसमें यही कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में अक्टूबर 2026 में और भारत के अन्य राज्यों में मार्च 2027 को जनगणना होगी. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि 30 अप्रैल को ही घोषणा की गयी थी.  30 अप्रैल को सरकार ने जो घोषणा की थी वही दोहराया गया है. 

 

जयराम रमेश ने कहा कि इसमें सिर्फ जनगणना की बात है, जातीय जनगणना का कोई उल्लेख नहीं है. पूछा कि क्यों इसमें जाति को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया है. इसमें जाति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है.  कितने सवाल होंगे, क्या सिर्फ गिनती होगी या सामाजिक, आर्थिक स्थिति पर भी सवाल होंगे इसके बारे में नोटिफिकेशन में कुछ नहीं है.

 

जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि हेडलाइन बनाने के लिए मोदी सरकार ने यह अधिसूचना निकाली है.  उन्होंने कहा कि बहुत से सवाल हैं.  हम यह दबाव बनाये रखेंगे कि तेलंगाना मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जाना चाहिए.

 

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा ने अगस्त 1991 में मंडल आयोग पर वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया और मंडल आंदोलन का मुकाबला करने के लिए कमंडल आंदोलन शुरू कर दिया. 

 

उन्होंने कहा कि कैसे आरएसएस ने नवंबर 1949 से भारत के संविधान का विरोध किया और कैसे योगी आदित्यनाथ ने आरक्षण का विरोध किया. कैसे आरएसएस नेताओं ने आरक्षण का विरोध किया...भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार केंद्र जाति सर्वेक्षण नहीं करना चाहता है.  

 

प्रधानमंत्री ने जाति जनगणना का लगातार विरोध किया है. 21 सितंबर 2021 को कहा था कि  हम जाति जनगणना के खिलाफ हैं और हमारा जाति जनगणना करने का कोई इरादा नहीं है.

 

जयराम रमेश ने कहा कि यह पूरी तरह से कांग्रेस की जिद और आग्रह के कारण है कि प्रधानमंत्री ने जाति जनगणना की मांग के आगे घुटने टेक दिये. उन्होंने इस मांग को लेकर कांग्रेस नेताओं को शहरी नक्सली कहा था. संसद और सर्वोच्च न्यायालय दोनों में, मोदी सरकार ने जाति जनगणना के विचार को ही खारिज कर दिया था.

 

आज की राजपत्र अधिसूचना 16वीं जनगणना में जाति को शामिल करने पर चुप है.  क्या यह यू-टर्न के उस्ताद द्वारा एक और यू-टर्न है? या विवरण बाद में घोषित किये जायेंगे?

 

कांग्रेस का दृढ़ विश्वास है कि 16वीं जनगणना में न केवल जाति गणना के लिए बल्कि जाति-वार सामाजिक-आर्थिक मापदंडों पर विस्तृत डेटा जानकारी लाने के लिए तेलंगाना मॉडल को अपनाना चाहिए.

 

जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत जो गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया है, उसके अनुसार  देशभर में जनगणना की यह प्रक्रिया एक मार्च 2027 तक यानी 21 महीनों में पूरी कर ली जायेगी.

 

इसमें जाति आधारित आंकड़ों को भी शामिल किया जायेगा. यह देश की पहली आधिकारिक जातिगत जनगणना होगी, जो जनसंख्या की सामाजिक-आर्थिक तस्वीर को गहराई से सामने लायेगी. 

 

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