Dhanbad : बाल विवाह न केवल एक सामाजिक बुराई है, बल्कि यह महिलाओं के विकास और अधिकारों की राह में सबसे बड़ी बाधा है. यह बातें डालसा के सचिव सह अवर न्यायाधीश मयंक तुषार टोपनो ने कहीं. वह शनिवार को डालसा की ओर से सिविल कोर्ट परिसर में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. कहा कि हमें गांव-गांव जाकर यह संकल्प दिलाना होगा कि न किसी बालिका का बचपन छीना जाएगा, न कोई स्त्री अपने अधिकारों से वंचित रहेगी.
बाल विवाह आज भी समाज में परंपरा, अज्ञानता और चुप्पी के चलते जारी है, जिसे केवल कानूनी जागरूकता के ज़रिए ही रोका जा सकता है. इसके लिए पंचायत, स्कूल और आंगनबाड़ी जैसे स्थानीय स्तर पर अभियान चलाना होगा. कार्यशाला में यह भी स्पष्ट किया गया कि पर्यावरण की रक्षा केवल सरकारी एजेंसियों की नहीं बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है. यह अब केवल एक सामाजिक सरोकार नहीं बल्कि कानूनी और नैतिक अनिवार्यता बन चुका है. उन्होंने पारा लीगल वॉलंटियर्स से अपील की कि वे समाज में कानूनी साक्षरता के वाहक बनें और विशेषकर महिलाओं को उनके अधिकारों से परिचित कराएं.