Ranchi : मैनपावर सप्लाई करने वाली कंपनियों पर सरकार का बकाया बढ़कर 129 करोड़ रुपये हो गया है. मार्च तक यह रकम 100 करोड़ रुपये थी. उत्पाद विभाग ने दो दिनों में मैनपावर सप्लाई करने वाली कंपनियों से 434 दुकानों के हस्तांतरण का काम पूरा कर लिया है.
कंपनियों ने शराब बिक्री से मिली राशि को JSBCL के खाते में नहीं किया जमा
राज्य में शराब की दुकानों को चलाने का काम मैनपावर सप्लाई करने वाली सात कंपनियों को दिया गया था. कंपनियों के साथ किये गये एकरारनामा के अनुसार उन्हें शराब की बिक्री से मिली राशि झारखंड बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के खाते में जमा करना था. हालांकि इन कंपनियों ने शुरू से ही शराब की बिक्री से मिली पूरी राशि JSBCL के खाते में जमा नहीं की. इससे इन कंपनियों पर बकाया लगातार बढ़ता गया. मार्च तक इन कंपनियों ने शराब की बिक्री से मिली राशि में से 100 करोड़ रुपये कॉरपोरेशन के खाते में जमा नहीं किया था. विभाग की ओर से बकाया राशि जमा करने का निर्देश दिया जाता रहा. लेकिन इन कंपनियों ने मार्च के बाद भी शराब की बिक्री से मिली पूरी राशि जमा नहीं की. इससे मई तक बकाया बढ़कर 129 करोड़ रुपये हो गया है.
दो दिनों में 658 के लक्ष्य के मुकाबले 434 दुकानों का हो पाया हस्तांतरण
राज्य में प्रस्तावित नयी उत्पाद नीति में शराब की खुदरा बिक्री के लिए दुकानों की नीलामी का प्रावधान किया गया है. इसलिए सरकार ने नयी नीति लागू करने से पहले मैनपावर सप्लाई करने वाली कंपनियों से शराब की दुकानों को वापस लेने का फैसला किया. उत्पाद विभाग ने दुकानों के हस्तांतरण की प्रक्रिया एक जुलाई से शुरू की. 1453 दुकानों के हस्तांतरण की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पांच जुलाई तक का समय निर्धारित किया गया. विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के पूरा करने के लिए प्रति दिन 329 दुकानों को हस्तांतरित करने की योजना बनायी गयी थी. हालांकि दो दिनों में 434 दुकानों के हस्तांतरण की प्रक्रिया ही पूरी हो पायी है. एक जुलाई को 329 के लक्ष्य के मुकाबले 263 दुकानों का हस्तांतरण हुआ. दो जुलाई के 201 के लक्ष्य के मुकाबले 171 दुकानों के हस्तांतरण का काम पूरा हुआ.