- सर्किट हाउस में ठहरते हैं मिश्रा जी
- ठेकेदार-सप्लायर के अलावा अवैध कोयला कारोबारियों से भी खूब मेल-जोल बढ़ा चुके हैं मिश्रा जी
Vinit/Saurav
Ranchi : कोयलांचल के एक जिले में साहब से ज्यादा मिश्रा जी की तुती बोल रही है. मिश्रा जी की हनक ऐसी है कि उन्हें साहब ने एक काला स्कॉर्पियो दे दिया है, जिससे वह जिले में घूम-घूम कर अपना और साहब का कामकाज देख रहे हैं. इस बात की भी चर्चा है कि तबादले की सूची जारी होने के बाद मिश्रा जी साहब से पहले ही जिला पहुंचे गए थे. उनके पहुंचने के बाद साहब आए और पदभार ग्रहण किया. मिश्रा जी के पास अपनी एक यूपी नंबर की सफेद स्कॉर्पियो भी है. जिसका नंबर UP 20 ***** और दूसरी स्कॉर्पियो का नंबर JH 0 1 FE **** है.
सर्किट हाउस को ही अपना बेस कैंप बना लिए हैं मिश्रा जी
सूत्रों के मुताबिक, सर क्या खाएंगे यह मेनू भी मिश्रा जी ही तय करते हैं. कुछ लोगों को यह बताया गया है कि मिश्रा जी साहब के रिश्तेदार हैं. करीब एक महीने से ज्यादा समय से मिश्रा जी ने सर्किट हाउस को ही अपना बेस कैंप बनाया हुआ है. उनके रहने और खाने के पैसों का किस मद से भुगतान हो रहा है, यह भी एक सवाल है.
अवैध कोयला के कारोबार में भी मिश्रा जी ने तय कर ली है हिस्सेदारी
मिश्रा जी ने एक महीने में ही खुद को इस काबिल बना लिया है कि साहब के पास किसी को महत्वपूर्ण काम के लिए मिलना है तो उसे मिश्रा जी से होकर ही गुजरना पड़ रहा है. जिला स्तर पर काम करने वाले ठेकेदार, सप्लायर तो मिश्रा जी से मिलते ही हैं, कोयला का अवैध कारोबारियों से भी वह खूब मिलजुल रहे हैं. बंगाल की फैक्ट्रियों में पहुंचने वाले अवैध कोयले के कारोबार में अपनी हिस्सेदारी भी मिश्रा जी ने तय कर ली है और धंधा चालू हो गया है.