48 घंटे बाद भी राजभवन में विधायकों को अपमानित करने वाले अफसर न तो चिह्नित किये गये, न ही कोई कार्रवाई हुई

Ranchi  :  राजभवन में बीते दिनों हुए एक कार्यक्रम में विधायकों के साथ कथित तौर पर अपमानित करने का मामला झारखंड विधानसभा में उठा था. सत्ता और विपक्ष के भारी विरोध के बीच स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग को निर्देश दिया था कि सुनिश्चित करें कि सारे पदाधिकारी और अधिकारी विधायकों को यथोचित सम्मान दें. स्पीकर ने यहां तक कहा था कि यह बात कई बार सामने आयी है कि अधिकारी विधायकों को सम्मान नहीं देते. स्पीकर के निर्देश के बाद सरकार और राजभवन ऑफिस यह जानने की कोशिश में है कि राज्यपाल रमेश बैस द्वारा आयोजित रात्रिभोज के दौरान कुछ विधायकों के कथित अपमान के लिए जिम्मेदार कौन है. आश्चर्य है कि मामला सामने आने के 48 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अभी तक न तो संबंधित अफसरों को चिन्हित किया गया है न ही किसी तरह की कोई कार्रवाई हो पायी है.

अनूप सिंह ने सदन में उठाया था मामला

बता दें कि कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इस मामले को उठाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधायक सुदेश महतो के साथ ही विधायक लंबोदर महतो और इरफान अंसारी को सीट नहीं दी गई. इसके अलावा डिनर पार्टी खत्म होने के बाद ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एमएल मीणा के लिए विधायकों की कार रोक दी. इसे भी पढ़ें –छूटे">https://lagatar.in/missing-financed-madrassa-and-sanskrit-institute-will-soon-get-grant-education-minister-has-given-guidelines/">छूटे

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कुछ विधायकों ने आश्चर्य जताया है

नाम नहीं लिखे जाने की शर्त पर कुछ विधायकों ने आश्चर्य जताया है कि 48 घंटे से अधिक समय के बावजूद  मुख्य सचिव या राज्यपाल ऑफिस कार्यालय की ओर से कोई औपचारिक जांच या कार्रवाई नहीं की गई है.

राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा

मामले को लेकर लगातार न्यूज से बातचीत में राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा है कि उन्हें लगता है कि यह निर्देश हमारे लिए नहीं है. मामले को विधानसभा में उठाया गया था और वे इस पर टिप्पणी करने के लिए अधिकृत नहीं हैं. इसे भी पढ़ें –आयुष">https://lagatar.in/date-of-application-extended-for-appointment-of-ayush-doctor-hc-said-ayush-doctors-working-on-contract-will-be-involved-in-the-restoration/">आयुष

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अभी तक विधानसभा अध्यक्ष से पत्र नहीं मिला है

सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव ऑफिस को अभी तक विधानसभा अध्यक्ष से पत्र नहीं मिला है. इस मामले में एक उच्च अधिकारी का कहना है कि राज्य की नौकरशाही को अनावश्यक रूप से इसमें घसीटा गया. जबकि भोजन और कार्यक्रम प्रबंधन में इनकी कोई भूमिका नहीं थी. रात्रिभोज की व्यवस्था गवर्नर हाउस द्वारा की गई थी. प्रोटोकॉल अधिकारी गवर्नर हाउस से थे. राजभवन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने ही सभी की तैयारी की थी. अधिकारी के मुताबिक राजभवन एक छोटा स्थान है, जहां पर एक सिंगल लेन अप्रोच वाला रोड है. जहां अगर एक ही समय में सैकड़ों वाहन आते हैं, तो यातायात का प्रबंधन करना एक कठिन कार्य बन जाता है. ऐसे में यदि कोई अव्य़वस्था बनी, तो राज्यपाल सचिवालय के अधिकारियों से पूछा जाए.

मीणा से पहले दो अन्य आईपीएस अधिकारी राजभवन से निकले थे

सूत्रों का कहना है कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एमएल मीणा से पहले दो अन्य आईपीएस अधिकारी डिनर खत्म होने के बाद राजभवन से निकल चुके थे. लेकिन विधायक ने उनका नाम नहीं लिया, जैसा उन्होंने मीणा के साथ किया. इसे भी पढ़ें – रांची">https://lagatar.in/archaeological-survey-of-india-is-conserving-and-developing-5-places-of-worship-in-jharkhand-including-haradih-temple-in-ranchi/">रांची

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