लद्दाख में स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली आकाश प्राइम का सफल परीक्षण

New Delhi :  भारतीय सेना द्वारा  लद्दाख में स्वदेशी रूप से विकसित वायु रक्षा प्रणाली आकाश प्राइम का सफल परीक्षण किये जाने की खबर है. इससे देश की वायु रक्षा प्रणाली को और मजबूत होगी.

 

 


सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा  कि सेना के वायु रक्षा कोर ने मिसाइल प्रणाली विकसित करने वाले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के सहयोग से आकाश प्राइम का सफल परीक्षण किये.

 

दो दिवसीय परीक्षण पूर्वी लद्दाख में 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर किये गये. जानकारी के अनुसार आकाश प्राइम ने अधिकतम ऊंचाई वाले वातावरण में तेजी से गतिमान हवाई लक्ष्यों पर दो सीधे प्रहार किये. सूत्रों के अनुसार आकाश प्रणाली का नवीनतम संस्करण भारतीय सेना में आकाश वायु रक्षा प्रणालियों की तीसरी और चौथी रेजिमेंट का गठन करेगा.

 


बताया गया है कि आकाश प्राइम  आकाश प्रणाली का उन्नत संस्करण है. यह किसी भी मौसम और भूभाग पर सटीकता बढ़ाने के लिए स्वदेशी सक्रिय रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) सीकर से सुसज्जित है. सूत्रों की मानें तो   इसका इस्तेमाल सबसे पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान से हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए किया गया था और इसके परिणाम सटीक रहे थे.

 

 

दरअसल आकाश वायु रक्षा प्रणाली मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इस रक्षा प्रणाली को  गतिशील, अर्ध-गतिशील और स्थिर सैन्य प्रतिष्ठानों को विभिन्न हवाई खतरों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसे 4,500 मीटर तक की ऊंचाई पर तैनात किया जा सकता है. यह 25-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्यों को आसानी से निशाना बना सकती है. 

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