झारखंड शराब घोटाला :  बेल से पहले गजेंद्र सिंह ने दिया था 8 पन्नों का 164 का बयान

Ranchi :  झारखंड शराब घोटाले में बड़ा और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक, बेल मिलने से कुछ दिनों पूर्व झारखंड शराब घोटाला के प्रमुख अभियुक्त उत्पाद विभाग के तत्कालीन ज्वाइंट कमिश्नर गजेंद्र सिंह का 164 (183 BNSS एक्ट )  के तहत बयान दर्ज किया गया है.

 

गजेंद्र सिंह के आग्रह पर दर्ज कराया गया 164 का बयान

आपको यह जानकर और ज्यादा हैरानी होगी कि गजेंद्र सिंह का मजिस्ट्रेट के समक्ष जो बयान दर्ज किया गया, वह एजेंसी के कहने पर नहीं, बल्कि खुद गजेंद्र सिंह के आग्रह पर किया गया. जेल में न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान गजेंद्र सिंह ने ट्रायल कोर्ट को बंदी पत्र लिखा था.

 

पत्र में उन्होंने आग्रह किया था कि वह अपना बयान दर्ज करवाना चाहते हैं. जिसके बाद कोर्ट ने उनका बयान दर्ज करवाने के लिए मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की और मजिस्ट्रेट के समक्ष गजेंद्र सिंह का 164 का बयान दर्ज किया गया. गजेंद्र सिंह का बयान दर्ज होने के बाद उसे सीलबंद कर दिया गया है. पुख्ता जानकारी के मुताबिक, गजेंद्र सिंह का बयान 8 पन्नों का है. उन्होंने अपने बयान में शराब घोटाला से जुड़े कई अहम खुलासे किए हैं. 

 

अब तक 10 की गिरफ्तारी, सिर्फ दो को मिली राहत

बता दें कि शराब घोटाला की जांच के दौरान ACB ने जो पहली गिरफ्तारी की थी, उसमें राज्य के वरीय IAS अधिकारी विनय चौबे और गजेंद्र सिंह का नाम शामिल था. दोनों को 20 मई को गिरफ्तार किया गया था. इस केस में अब तक 10 गिरफ्तारियां हो चुकी है, जिसमें 2 आईएएस अधिकारी और छत्तीसगढ़ के बड़े कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया की गिरफ्तारी प्रमुख है. IAS विनय चौबे के करीबी विनय सिंह और उत्पाद विभाग के अधिकारी गजेंद्र सिंह फिलहाल दो ऐसे अभियुक्त हैं, जिन्हें शराब घोटाला मामले में राहत मिल चुकी है.