Kolkata : पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने आज बुधवार को भाजपा शासित राज्यों में बांग्लाभाषी लोगों के साथ हो रहे कथित उत्पीड़न के खिलाफ कॉलेज स्क्वायर से धर्मतला के दोरीना क्रॉसिंग(लगभग तीन किलोमीटर) तक विरोध मार्च निकाला.
#WATCH | Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee, TMC MP Abhishek Banerjee and other party leaders and workers take out a protest march alleging harassment of Bengali-speaking people in BJP-ruled states. pic.twitter.com/xLjTlwNHfz
— ANI (@ANI) July 16, 2025
#WATCH | Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee, TMC MP Abhishek Banerjee and other party leaders and workers take out a protest march alleging harassment of Bengali-speaking people in BJP-ruled states. pic.twitter.com/ufTYob21qI
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विरोध मार्च में टीएमसी महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की. मार्च को लेकर इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे.लगभग 1,500 पुलिसकर्मी तैनात किये गये थे.
विरोध मार्च में ममता बनर्जी ने भाजपा पर हल्ला बोला. उन्होंने कहा कि बंगालियों के प्रति भाजपा के रवैये से मैं शर्मिंदा और निराश हूं. सीएम ने कहा कि मैंने अब और ज्यादा बांग्ला बोलने का फैसला किया है. भाजपा से कहा अगर हो सके तो वह जेल में डाल दे.
खबर है कि टीएमसी ने कोलकाता के अलावा राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन किया. बता दें कि ममता ने यह प्रदर्शन ऐसे समय में कि. है, जब प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को पश्चिम बंगाल आने वाले हैं. टीएमसी का आरोप है कि भाजपा शाषित राज्यों में बंगाली भाषा बोलने वाले लोगों को गैरकानूनी प्रवासी बताकर परेशान किया जा रहा है.
सुवेंदु अधिकारी ने ममता पर हल्ला बोला
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी के विरोध मार्च पर तंज कसते हुए कहा कि बंगाली अस्मिता की बात सिर्फ अवैध घुसपैठियों को बचाने की कोशिश है. उन्होंने ममता बनर्जी से पूछा कि जब हजारों बंगाली शिक्षक सरकारी घोटालों के चलते नौकरी से निकाले गये, तब उन्होंने उनकी आवाज क्यों नहीं सुनी?
सुवेंदु अधिकारी अधिकारी ने यह आरोप भी लगाया कि ममता बनर्जी खुद बंगाली अफसरों की अनदेखी करती हैं. उन्होंने पूछा कि वरिष्ठ अफसर अत्री भट्टाचार्य और सुब्रत गुप्ता को मुख्य सचिव क्यों नहीं बनाया गया? क्यों बंगाली आईपीएस संजय मुखोपाध्याय को डीजीपी पद से वंचित किया गया.