मोदी सरकार की मेक इन इंडिया योजना झूठे वादों का पुलिंदा : राहुल गांधी

New Delhi : मोदी सरकार की मेक इन इंडिया योजना झूठे वादों का पुलिंदा है. यह जुमला है. कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यह कहते हुए पीएम मोदी पर हमला किया. उन्होंने कहा कि यह योजना देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने में पूरी तरह से असफल  है.

 

 


 राहुल गांधी शुक्रवार को देश का सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार दिल्ली के नेहरू प्लेस पहुंचे थे. राहुल ने बाजार वहां दो स्थानीय युवा टेकनीशियन शिवम और सैफ से बातचीत की. राहुल गांधी ने उनके हवाले से कहा कि भारत में ज्यादातर मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद असेंबल किये जा रहे हैं.

 

उनका निर्माण भारत में नहीं किया जा रहा.  राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मेक इन इंडिया ने फैक्ट्रियों का बूम लाने का वादा किया था. लेकिन आज देश में मैन्युफैक्चरिंग निम्न स्तरीय है.  राहुल गांधी का कहना था कि आज भारत की मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी की सिर्फ 14 प्रतिशत रह गयी है. युवा बेरोजगारी अपने चरम पर है. चीन से आयात दोगुना हो गया है.

 

राहुल ने एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, मेक इन इंडिया ने फैक्ट्री बूम का वादा किया था. फिर मैन्युफैक्चरिंग रिकॉर्ड निचले स्तर पर, युवा बेरोजगारी रिकॉर्ड ऊंचाई पर और चीन से आयात दोगुना क्यों हो गया? मोदी जी को सिर्फ नारे आते हैं, समाधान नहीं.


 
राहुल गांधी ने नेहरू प्लेस में  टेक्निशियन शिवम और सैफ से मुलाकात का उल्लेख कर कहा कि दोनों प्रतिभाशाली युवक अपनी क्षमता का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि भारत का आर्थिक मॉडल उन्हें अवसर नहीं दे रहा.

 

उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया. अगर हम खुद नहीं बनाएंगे, तो दूसरों से खरीदते रहेंगे. भारत को अब ईमानदार सुधारों और वास्तविक वित्तीय समर्थन के जरिए घरेलू उत्पादकों को सशक्त करने की जरूरत है. देश को अब बाज़ार नहीं, निर्माण केंद्र बनना होगा.

 

 राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी के पास  कोई नया विचार नहीं है. कहा कि सरकार की बहुचर्चित PLI योजना (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना) बंद की जा रही है. जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है. राहुल गांधी ने कहा: सच तो ये है कि हम सिर्फ असेंबल करते हैं, आयात करते हैं, लेकिन निर्माण नहीं करते. और इसका फायदा चीन उठा रहा है. 

 

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