ऑपरेशन राइजिंग लायन : इजरायली हमले से दहला ईरान, परमाणु ठिकाने तबाह, मारे गये दो टॉप जनरल और परमाणु वैज्ञानिक

Lagatar Desk :    मध्य-पूर्व में तनाव एक नए चरम पर पहुंच गया है. 13 जून की सुबह इजराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान पर बड़ा सैन्य हमला किया है. इसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ का नाम दिया गया है. इस हमले में इजरायली वायुसेना ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है.  बताया जा रहा है कि इस सर्जिकल स्ट्राइक में ईरान के नतांज स्थित प्रमुख यूरेनियम संवर्धन केंद्र सहित कई परमाणु साइट्स, मिसाइल डेवलपमेंट सेंटर्स और वैज्ञानिकों के ठिकानों को तबाह कर दिया गया है. इजरायली हमले में ईरान के टॉप सैन्य अधिकारी भी मारे गये हैं. इनमें  IRGC प्रमुख जनरल हुसैन सलामी और जनरल घोलम-अली रशीद शामिल हैं. वहीं परमाणु वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद तेहरांची और डॉ. फेरेयदून अब्बासी भी इस हमले में मारे गये हैं. 

 

अगर अब कार्रवाई नहीं की, तो अगली पीढ़ी शायद न बचे : पीएम नेतन्याहू

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस ऑपरेशन की पुष्टि की है. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि कुछ ही समय पहले, इजरायल ने ऑपरेशन 'राइजिंग लायन' की शुरुआत की है. यह एक लक्षित सैन्य अभियान है, जिसका उद्देश्य हमारे अस्तित्व को खतरे में डालने वाले ईरानी परमाणु और सैन्य खतरे को समाप्त करना है. कहा कि हमने उन ठिकानों को निशाना बनाया है, जहां से ईरान हमारे खिलाफ परमाणु हथियार तैयार करने की कोशिश कर रहा था. हमने उन वैज्ञानिकों और कमांडरों को भी निशाना बनाया है जो इस खतरे के मूल में थे. बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक यह खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता. अगर आज हमने निर्णय नहीं लिया, तो कल हमारे पास भविष्य नहीं रहेगा. हम अपनी आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए यह लड़ाई लड़ रहे हैं. इजराइल अपने अस्तित्व के लिए किसी भी हद तक जा सकता है और जाएगा. "

 

अमेरिका ने खुद को हमले से अलग बताया

बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है. हालांकि अमेरिका ने खुद को हमले से अलग बताया है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि अमेरिका को हमले की जानकारी थी. लेकिन उसने कोई भागीदारी नहीं की. उनका कहना है कि उनकी प्राथमिकता अमेरिकी सेना की सुरक्षा है. 

 

आपातकाल और जवाबी हमले की आशंका

इजराइल ने हमले के तुरंत बाद राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी है.  देश भर में सायरन बजाए जा रहे हैं और नागरिकों को बंकरों में रहने की सलाह दी गई है. इजरायली सेना का कहना है कि यह ऑपरेशन एकमुश्त नहीं है, बल्कि यह एक लंबी रणनीतिक योजना का हिस्सा है. आईडीएफ चीफ जनरल इयाल जमीर ने कहा कि हमारे हजारों सैनिक पूरी तरह से अलर्ट पर हैं. हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देंगे. इधर इराक ने भी एयरस्पेस बंद कर दिया है और उड़ानों पर रोक लगा दी है. इजरायली हमले के बाद आशंका जतायी जा रही है कि ईरान भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है.