Ranchi : एनडीए ने पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्याशी बनाकर आदिवासी कार्ड खेला और जेएमएम को धर्मसंकट में डाल दिया है. अब आदिवासियों के हक और उत्थान की बात करने वाले जेएमएम के सामने असमंजस यह है कि वह समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को वोट दे या फिर जनजातीय प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को. द्रौपदी मुर्मू के साथ सीएम हेमंत सोरेन के अच्छे रिश्ते हैं. जब वो झारखंड की राज्यपाल थीं, तब उन्होंने सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन की फाइल सरकार को लौटा दी थी. और भी कई मौके आये जब उनके फैसलों से बीजेपी को झटका लगा. अब सीएम हेमंत सोरेन उहापोह की स्थिति में हैं और तय नहीं कर पा रहे हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में दिल की आवाज सुनें या दिमाग से काम करें. इसे भी पढ़ें- द्रौपदी">https://lagatar.in/these-are-the-same-leaders-who-congratulate-draupadi-murmu-who-did-not-even-go-to-give-her-a-courtesy-farewell/">द्रौपदी
मुर्मू को बधाई देने वाले ये वही नेता हैं, जो उन्हें शिष्टाचार विदाई तक देने नहीं गये थे बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के लिए पहली बार किसी आदिवासी महिला को उम्मीदवार बनाया है. देशभर में आदिवासियों की संख्या लगभग 13 करोड़ है. वहीं झारखंड की 81 में से 28 विधानसभा सीटें जनजातियों के लिए आरक्षित है. इनमें से 19 सीटों पर जेएमएम का कब्जा है. जाहिर है जनजातीय विधायकों के बीच यह भावना जरूर है कि देश के सर्वोच्च पद पर पहली बार एक जनजातीय समाज की महिला चुनकर जरूर जाए. शायद यही वजह है कि हेमंत सोरेन को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर फैसला नहीं ले पा रहे हैं. हेमंत सोरेन ने भी कहा है कि पार्टी इसपर जल्द निर्णय लेगी. झारखंड में जेमएम को जनजातीय समाज का सबसे ज्यादा समर्थन प्राप्त है. ऐसे में जनजातीय उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देकर जेएमएम इस समाज को भी यह संदेश देने की कोशिश कर सकता है कि दलगत राजनीति से उपर उठकर उसने आदिवासी हित के लिए जनजातीय प्रत्याशी को वोट दिया है. हालांकि इसमें एक दिक्कत ये है कि झारखंड में जेएमएम कांग्रेस और आरजेडी के साथ मिलकर सरकार चला रहा है. अगर उसने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट दिया तो उसे राजनीतिक नुकसान का भी डर है. इसे भी पढ़ें- क्लर्क">https://lagatar.in/the-journey-from-clerk-to-presidential-candidate-was-not-easy-draupadi-murmu-has-lost-her-husband-and-two-sons/">क्लर्क
से लेकर राष्ट्रपति उम्मीदवार तक का सफर नहीं था आसान, पति और दो बेटों को खो चुकी हैं द्रौपदी मुर्मू [wpse_comments_template]