Ranchi : झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को बीजेपी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद प्रदेश बीजेपी के बड़े नेता उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं. बधाई देने वाले ये वही नेता हैं, जो उन्हें झारखंड से जाते वक्त शिष्टाचार विदाई तक देने नहीं गए थे. जाहिर है अपनी ही पार्टी के नेताओं के इस आचरण से द्रौपदी मुर्मू बहुत भारी मन से झारखंड से विदा हुई होंगी, लेकिन उनका दुख अब थोड़ा कम जरूर हुआ होगा, क्योंकि उस वक्त शिष्टाचार भूल चुके प्रदेश बीजेपी के नेता अब शिष्टाचार सीख गये हैं. तभी तो उन्हें फोन कर बधाई दे रहे हैं. ट्विटर और फेसबुक पर उनके साथ की पुरानी तस्वीरों को शेयर करके शुभकानाएं दे रहे हैं. इनमें प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी शामिल हैं.
इसे भी पढ़ें- क्लर्क से लेकर राष्ट्रपति उम्मीदवार तक का सफर नहीं था आसान, पति और दो बेटों को खो चुकी हैं द्रौपदी मुर्मू
झारखंड से जाते वक्त अर्जुन मुंडा और आशा लकड़ा को छोड़ कोई दूसरा बीजेपी नेता मुर्मू से नहीं मिला था
गौरतलब है कि 13 जून 2021 को झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद झारखंड से वापस जा रही थीं. कायदे से बीजेपी के बड़े नेताओं को उन्हें विदाई देने या औपचारिक मुलाकात के लिए जाना चाहिए था, लेकिन केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और मेयर आशा लकड़ा को छोड़कर बीजेपी का कोई दूसरा बड़ा नेता उनसे नहीं मिला था. जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल की विदाई से पहले सीएम हाउस में उनके सम्मान में भोज दिया. हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन राज्यपाल को छोड़ने एयरपोर्ट भी गईं थी. राज्य सरकार के भी तमाम बड़े अधिकारी द्रौपदी मुर्मू को विदा करने एयरपोर्ट पहुंचे थे, लेकिन वहां भी बीजेपी का कोई चेहरा नहीं दिखा था, जबकि दीपक प्रकाश और बाबूलाल मरांडी के अलावा राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, विधायक सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, समरी लाल समेत कई सांसद और विधायक रांची में ही थे.
इसे भी पढ़ें- IAS मेघा भारद्वाज के ख़िलाफ विभागीय कार्रवाई और 25 हज़ार जुर्माने के आदेश को हाईकोर्ट ने किया निरस्त
रघुवर राज में सरकार और राजभवन के रिश्ते में खटास की बातें आई थी सामने
दरअसल राजभवन से सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन की फाइल वापस किये जाने के बाद तत्कालीन रघुवर सरकार और राजभवन के रिश्ते में खटास की बातें सामने आयी थी. उधर सत्ता में हेमंत सरकार के आने के बाद बीजेपी ने कई मुद्दों को लेकर राज्यपाल से मुलाकात की थी, लेकिन बीजेपी के उठाये मुद्दों पर राजभवन का रुख कड़ा नहीं रहा था. शायद इसी वजह से बीजेपी के सीनियर लीडर्स ने द्रौपदी मुर्मू से जाने से पहले शिष्टाचार मुलाकात न की होगी.