Vidyabhushan दोस्तो, खोज और खाज दोनों एक ही मर्ज के काज हैं. फिलहाल मैं भी एक खोज-खाज में लगा हूं,...
Read moreNaresh Banka शुभकामना मित्र ने होली की शुभकामनाएं इस प्रकार दी – शुभ काम ना… और कहने लगा होली में...
Read moreVeena Srivastava पति रूठा जो रहता है, ज्वाला सा भड़कता है कर लो थोड़ा सा मनुहार, दिल के खिलने का...
Read moreKavita vikash कई दिनों से देख रही थी कि सामने वाले मकान में सफाई हो रही थी. मेरी बालकोनी से...
Read moreVandana Tete भाषाओं के लुप्त होने, उनके खतरे की बात लंबे समय से की जा रही है. अपनी मातृभाषा खड़िया...
Read moreMahadev Toppo जब भी युवा पीढ़ी की तरफ देखता हूं, अपनी मातृभाषा कुड़ुख को लेकर बेहद आशावान हो जाता हूं....
Read moreDr. Kumari Basanti भाषा मानव की जीभ है. जीभ के द्वारा ही मनुष्य भावों, विचारों, चेतना, संस्कृति और जीवन दर्शन...
Read moreWalter Bhengra Tarun वर्तमान प्रतिस्पर्धा के युग में प्रगतिशील आदिवासी समाज के सामने मातृभाषा को लेकर एक समस्या आ खड़ी...
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