कंटेम्प्ट के मामले में साहिबगंज के एडिशनल कलेक्टर को दो हजार का दंड

Ranchi: हाईकोर्ट ने फेरी घाट नीलामी में हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में साहिबगंज के एडिशनल कलेक्टर गौतम भगत पर दो हजार रुपये का दंड लगाया है. साथ ही उनके सर्विस बुक में इसकी इंट्री करने और विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश दिया है.
उल्लेखनीय है कि अंकुश राजहंस ने साहिबगंज जिला प्रशासन द्वारा फेरी घाट की नीलामी के लिए निकाले गये टेंडर की शर्तों को चुनौती दी थी. इसमें यह कहा गया था कि नीलामी में घाट के नाम के बदले जिला के नाम का उल्लेख किया गया है. 


याचिका पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश एम.एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश दीपक रौशन की पीठ में सुनवाई हुई. न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद घाट के नाम का उल्लेख करते हुए फेरी घाट की नीलामी का टेंडर निकालने का आदेश दिया. इस आदेश के आलोक में जिला प्रशासन ने गरम घाट से मनिहारी घाट के लिए फेरी की नीलामी का टेंडर निकाला. इसे फिर से न्यायालय में यह कहते हुए चुनौती दी गयी कि गरम घाट नोटिफाइड घाट नहीं है. इसलिए इस नाम पर टेंडर नहीं होना चाहिए. 


हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई के बाद 15 जनवरी को टेंडर पर रोक लगा दी. साथ ही मार्च में मामले की सुनवाई की तिथि निर्धारित की. लेकिन साहिबगंज जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए गैर नोटिफाइड घाट से ही टेंडर निकाला. इसके बाद अंकुश राजहंस ने आइए दाखिल कर मामले की जानकारी न्यायालय को दी. 


न्यायालय से आइए में वर्णित तथ्यों के मद्देनजर साहिबगंज के एडिशनल कलेक्टर द्वारा निकाले गये टेंडर को न्यायालय के आदेश का उल्लंघन माना और स्वतः संज्ञान लेकर अवमानना की कार्यवाही शुरू की. 


11 जून को इस मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने एडिशनल कलेक्टर को अवमानना का दोषी पाया और दो हजार रुपये का दंड लगाया. साथ ही सर्विस बुक में अवमानना के मामले की इंट्री करने और एडिशनल कलेक्टर के खिलाफ विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया.